पर्यावरण सुरक्षित करने को लेकर कोल इंडिया की बड़ी पहल
एस.पी.सक्सेना/ विजय कुमार साव/ बोकारो। बोकारो जिला के हद में गोमिया प्रखंड के स्वांग हवाई अड्डा परिसर में सीसीएल कथारा (CCL Kathara) क्षेत्र द्वारा 23 जुलाई को कायाकल्प ईको पार्क का शिलान्यास किया गया। शिलान्यास गोमियां विधायक डॉक्टर लंबोदर महतो (Dr. Lambodar Mahto) ने विधिवत किया और यहां फलदार पौधा लगाया।
इससे पूर्व पूरे भारतवर्ष के कोयला खदान में डेढ़ सौ स्थानों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने वन महोत्सव के रूप में ईको पार्क का ऑनलाइन उद्घाटन किया। इसका सीधा प्रसारण की व्यवस्था क्षेत्रीय प्रबंधन द्वारा यहां किया गया था।
ऑनलाइन संबोधन के दौरान गृहमंत्री शाह ने फलदार वृक्ष लगाने पर जोर देते हुए कहा कि पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन से डरी हुई है। इसके लिए वृक्ष लगाना अति आवश्यक है और वृक्ष ही हमें बचा सकती है। नेतृत्व कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी कर रहे थे।
जबकि स्वांग (Swang) स्थित शिलान्यास स्थल पर मुख्य रूप से क्षेत्र के अपर महाप्रबंधक अरविंद झा, क्षेत्रीय प्रबंधक राजमुनी राम, भरतजी ठाकुर, रंजन कुमार प्रधान, चंदन कुमार, पीओ आरसी सिंह, महेश कुमार पासी, कुमार सौरभ, सुब्रत पाल पीओ, अधिकारी संजय सिंह, गुरू प्रसाद मंडल, गोमियां के अंचलाधिकारी ओमप्रकाश मंडल, पुलिस निरीक्षक सुजीत कुमार, थाना प्रभारी विनय कुमार, विधायक प्रतिनिधि राजेश विश्वकर्मा, प्रखंड सचिव मिनहाज अंसारी, ग्रामीण प्रतिनिधि बाबुचंद वेसरा, गन्दौरी राम, श्रमिक नेता रामेश्वर कुमार मंडल, पीके विश्वास, डॉ. संतोष कुमार, अनिल सिंह, रामेश्वर साहु, कामोद प्रसाद, अनुप कुमार स्वाइं, नागेश्वर करमाली, छोटन राम, असैनिक विभाग कर्मी यादविंदू, कृष्णा कुमार आदि उपस्थित थे।
ज्ञात हो कि स्वांग स्थित उक्त एरोड्राम जो इंडियन एक्सप्लोसिव प्राइवेट लिमिटेड के विदेशी मैनेजमेंट के विमानों के आवागमन के लिए निर्मित हुआ था। पिछले लगभग दो दशक से बंद रहने के कारण एरोड्राम की भूमि पर सीसीएल द्वारा इको पार्क निर्माण कार्य किये जाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। जिसका ऑनलाइन आधारशिला आज देश के गृह मंत्री अमित शाह व केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने रखी।
मिली जानकारी के अनुसार साठ के दसक में निर्मित एरोड्राम कई वर्षों से विमानों के आवागमन बंद होने से किसी प्रकार का उपयोग नहीं हो रहा था। वहीं सीसीएल के अधिकार क्षेत्र की भूमि रहने के कारण कोयला मंत्रालय ने इसे ईको पार्क के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है और कोयला मंत्रालय द्वारा देशभर के कोयला क्षेत्रों मे निर्मित किये जा रहे 150 इको पार्क के रूप में इसकी आधारशिला रखी गई है।
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