संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। पुल निर्माण का कार्य हमेशा ही चलने वाला है। कई जगह ये समय पर पूरा हो जाता है और कई जगह टेंडर आबंटन के बाद कुछ कार्य करके उसे बीच में हीं छोड़ दिया जाता है। ऐसा ही मामला मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिला के हद में ग्राम लदौर गायघाट का है। उक्त गांव बाढ़ग्रस्त श्रेणी में आता है। रजुआ नामक नदी (Razua river) पर पुल निर्माण का कार्य 2013 में शुरू हुआ था। लेकिन अब 2020 तक वो संपूर्ण रूप से बन कर तैयार नही हो पाया है।
पुल निर्माण कार्य प्रगति पर भी नहीं है, जिससे लोगों को उसके पूरे होने की संभावना दिखे। लेकिन निर्माण संदर्भ में बिहार के मुख्यमंत्री, देश के प्रधानमंत्री, केन्द्र के विभिन्न विभाग में आयुक्त अधिकारी, राज्य के ग्रामीण कार्य विभाग अधिकारी, पुल निर्माण निगम अथवा विभिन्न विभागाध्यक्षो से बात करके भी आजतक रीजल्ट सिफ़र रहा है। कार्य की प्रगति पर सवाल करने पर एक दूसरे अधिकारियों पर इल्ज़ाम लगाने लगे। इस सब से भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया। आज तक ना इस पुल निर्माण कार्य की री-टेंडरिंग हुई ना कोई अधिकारी इसके बारे में सही जवाब देता है।
स्थगित निर्माण कार्य की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे देश के भविष्य को भी नुकसान ही रहा, क्यूंकि नवयुवक एवम् युवतियां शिक्षा प्राप्त करने विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं। लोगों को चिकित्सक तक पहुंचने में परेशानी हो रही है। सवाल है कि लोगो की समस्या कब खत्म होगी? ऐसे कई कार्य होंगे, जिनके निर्माण की स्थिति का कोई अंदेशा नहीं है।
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