खतरे का संकेत !
संवाददाता/ मुंबई। वाशीनाका के इकलौते आरसी मार्ग पर वर्षों से खड़ी एक भंगार ट्रक के ढांचा के कारण अक्सर शाम के समय ट्रैफिक जाम रहता है। इसके बावजूद ट्रक के ढांचे को यहां से हटाने की कोई पहल नहीं की गई। जबकि इसी रास्ते से पुलिस के अलावा ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ के अधिकारियों का भी आना जाना है। यह इलाका मुंबई सहित देश के लिए अतिसंवेदनशील माना जाता है।
मुंबई हाई कोर्ट के एड़ निलेश भोसले ने पुलिस के साथ-साथ ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ के अधिकारियों पर सवाल खड़ा कर दिया है। एड़् भोसले के अनुसार यह परिसर मुंबई सहित देश के लिए अतिसंवेदनशील है। इसके बावजूद वाशीनाका के खड़ी मशीन से सटे रायन इंटरनेशनल स्कूल और मारोली बेस्ट बस स्टॉप के बीच करीब पांच छह वर्षों से एक भंगार ट्रक का ढांचा वयों खड़ा है।
इससे कभी भी खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि मुंबई में 8 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों की यहां नो इंट्री है। यानी ऐसे वाहन मुंबई की सड़कों पर नहीं चल सकते, तो आरसी मार्ग पर भंगार ट्रक का ढांचा क्यों? अब भोसले भंगार ट्रक के ढांचे का राज जानना चाहते हैं। चूंकि इस परिसर में मिट्टी माफियाओं का साम्राज्य रहा है। बता दें कि चेंबूर के आर सी मार्ग का यह इलाका ट्रॉम्बे ट्रैफिक पुलिस व वडाला आरटीओ की हद में स्थित है।
इसके बावजूद दोनों विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को भंगार ट्रक का ढांचा दिखाई नहीं दिया। एड़ निलेश भोसले का कहना है की घनी आबादी वाले इस परिसर में देश की बहुराष्ट्रीय पेट्रोलियम कंपनियां हैं। इसके अलावा भाभा अनुसंधान केंद्र भी है। जिसके कारण सरकार ने इस क्षेत्र को अति संवेदनशील घोषित कर रखा है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही खतरे का संकेत है।
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