उत्तर भारत में बारिश का प्रकोप

दो दर्जन से ज्यादा की मौत, 22 लोग लापता

साभार/ नई दिल्ली। उत्तर भारत (North India) के कई इलाके भारी बारिश की चपेट में हैं। रविवार को बारिश की वजह से हिमाचल प्रदेश (Himachal pradesh), उत्तराखंड (Uttrakhand) और पंजाब (Punjab) में कम से कम 28 लोगों के मरने जबकि 22 अन्य के लापता होने की खबर है। वहीं यमुना एवं उसकी अन्य सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ने के कारण दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में बाढ़ की चेतावनी जारी की गयी है। यमुना नदी में हथिनी कुंड बैराज से 8.14 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद हरियाणा ने सेना से तैयार रहने का अनुरोध किया है। हिमाचल प्रदेश में बारिश जनित घटनाओं में दो नेपाली नागरिक समेत कम से कम 22 लोगों की मौत हो गयी जबकि नौ अन्य घायल हो गये।

वहीं उत्तराखंड में बादल फटने के कारण तीन लोगों की मौत हो गयी और 22 अन्य लापता हो गये। पंजाब में भी तीन लोगों के मरने की खबर है। दक्षिण भारत के केरल में बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 121 हो गई है। दिल्ली में भी रविवार को बारिश हुई और यहां अधिकतम तापमान 29.7 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 24.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकारियों ने बताया कि यमुना में जलस्तर बढ़ने से दिल्ली सरकार ने बाढ़ की चेतावनी जारी की है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगह पर जाने की सलाह दी है क्योंकि यमुना में जलस्तर के खतरे के निशान को पार करने की आशंका है।

केंद्रीय जल आयोग ने बताया कि उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना और घाघरा समेत कई नदियां उफान पर हैं। बदायूं, गढ़मुक्तेश्वर, नरौरा और फर्रुखाबाद में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसी तरह से पलियाकलां में शारदा नदी और एल्गिनब्रिज में घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

राजस्थान में अब बाढ़ का पानी घट रहा है और राज्य में बाढ़ जैसी कहीं कोई स्थिति नहीं है। एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में 15 जून से बारिश जनित घटनाओं में 49 लोगों की मौत हो गयी और 500 लोगों को बारिश प्रभावित इलाकों से निकाला गया। पश्चिम बंगाल में शहरी इलाकों खासकर दक्षिण बंगाल के अधिकतर हिस्सों में दो से मूसलाधार बारिश के बाद अब स्थिति में सुधार हो रहा है।

दिल्ली में बाढ़ की चेतावनी
दिल्ली सरकार ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को वहां से सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा है क्योंकि यमुना नदी में जलस्तर के खतरे के निशान को पार करने की संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि रविवार की शाम युमना नदी में जलस्तर 203.37 मीटर तक पहुंच गया है और इसके सोमवार तक इसके बढ़ कर 207 मीटर तक पहुंचने की संभावना है क्योकि हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से शाम छह बजे आठ लाख 28 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

पूर्वी दिल्ली जिला ने एक आदेश में कहा है, ‘भारी बारिश के कारण जल स्तर बढ़ रहा है और साथ ही हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने और यमुना का जल स्तर कल सुबह 10 बजे तक 207 मीटर तक बढ़ सकता है, जिससे जान माल के नुकसान का खतरा पैदा हो गया है। ‘सभी उप-विभागीय मजिस्ट्रेटों को सोमवार सुबह 9 बजे तक दिल्ली पुलिस और नागरिक सुरक्षा स्वयं सेवकों की मदद से निचले इलाकों के लोगों को निकालने का निर्देश दिया गया है।

दूसरी ओर अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा ने रविवार को थोड़े-थोड़े अंतराल पर पानी छोड़ा। उन्होंने बताया कि शाम पांच बजे आठ लाख 14 हजार क्यूसेक पानी हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया था। बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के उपायों पर चर्चा करने के लिए रविवार शाम को अधिकारियों की एक बैठक हुई। पिछले साल जुलाई में यमुना नदी में जलस्तर खतरे के निशान को पार करने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में यमुना के पुराने पुल पर यातायात परिचालन कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया था।

हरियाणा और पंजाब में लगातार हो रही बारिश की वजह से रविवार को कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। इसके मद्देनजर दोनों राज्य के प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा है। यमुना नगर में यमुना नदी पर बने हथिनी कुंड बैराज में जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ रहा है। राष्ट्रीय राजधानी में पहुंचने से पहले उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई नदी-नाले भी यमुना के जलस्तर में वृद्धि कर रहे हैं। हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने रविवार को बाढ़ की चेतावनी जारी करते हुए करनाल, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद और पलवल जिलों के उपायुक्तों को सतर्क रहने का निर्देश दिया।

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