डीएम ने शिक्षकों के सेवांत एवं एमएसीपी लाभ डेटाबेस तैयार करने का दिया निर्देश
अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण के जिलाधिकारी अमन समीर ने 16 जनवरी को जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने एक-एक कर शिक्षा विभाग के विभिन्न शाखाओं का भ्रमण किया और पुराने अनुपयोगी अलमीरा एवं अन्य उपस्करों को हटाने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी कर्मियों को अपना पहचान पत्र लगाकर कार्य करने का निर्देश दिया।
निरिक्षण के क्रम में डीएम समीर ने सभी कर्मियों के वर्किंग डेस्क पर संबंधित कर्मी का नाम अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करने को कहा। इसके अतिरिक्त सभी शिक्षकों का वेतन भुगतान माह की अंतिम तारीख को अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने को कहा।
डीएम ने जिला स्कूल परिसर में निर्माणाधीन जिला शिक्षा पदाधिकारी के नए कार्यालय भवन की चहारदिवारी निर्मित कराकर इसके लिए अलग प्रवेश व् निकास द्वार बनाने को कहा, ताकि जिला स्कूल का परिसर जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय परिसर से पूरी तरह अलग रहे। उन्होंने आगत पंजी में सभी पत्रों की प्रतिदिन एंट्री कर प्रतिदिन का क्लोजर रिपोर्ट दर्ज करने को कहा।
कार्यालय में प्राप्त होने वाले आवेदनों को विषयवार वर्गीकृत कर संधारित रखने का निर्देश दिया गया। प्रत्येक विषय से संबंधित आवेदनों के निष्पादन के लिये समय सीमा का निर्धारण कर इसका अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा गया। साथ हीं सभी शिक्षकों का कंप्यूटरीकृत डेटाबेस तैयार करने का निर्देश दिया गया, जिसमें नियुक्ति/योगदान की तिथि एवं अन्य आवश्यक डेटा की प्रविष्टि रहे।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि व्यवस्था ऐसी हो कि एमएसीपी के लिये जब भी शिक्षक पात्र हों, लाभ देने के लिए स्वतः प्रक्रिया आरंभ हो जानी चाहिए तथा निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत प्राथमिकता से संबंधित कर्मी को देय लाभ मिले, इसे सुनिश्चित करें। जिन भी शिक्षकों का सेवांत लाभ या एमएसीपी से संबंधित कोई भी मामला लंबित हो, वे तुरंत जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में अपना आवेदन दें।
जिलाधिकारी ने इन मामलों को उच्च प्राथमिकता देते हुए निष्पादित करने का निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया। डीएम द्वारा प्रत्येक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के लिए एक-एक नोडल पदाधिकारी बनाने का निर्देश दिया गया। संबंधित नोडल पदाधिकारी संबद्ध कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का प्रत्येक माह अनिवार्य रूप से निरीक्षण करेंगे तथा वहां की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक पहल सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि जिले के जिन 9 प्रखंडों में एनजीओ के माध्यम से मध्याह्न भोजन संचालित है, वैसे प्रत्येक प्रखंड के लिये एक -एक नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने को कहा गया, जो प्रत्येक सप्ताह में मध्याह्न भोजन की जांच सुनिश्चित करेंगे।
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