प्रहरी संवाददाता/बगोदर (गिरिडीह)। गिरिडीह जिला के हद में डुमरी थाना क्षेत्र के एक प्रवासी मजदूर 35 वर्षीय उमेश सिंह की मलेशिया में मौत हो गई। जानकारी के अनुसार 12 जनवरी की सुबह उमेश की मौत होने की सूचना परिजनों को मिली, तब उनके होश उड़ गए।
बताया जाता है कि बीते 11 जनवरी की रात 10 बजे ही उमेश ने वीडियो कॉल से अपने परिजनों से बात की थी। परिजनों को क्या पता था कि सात घंटे बाद उन्हें उसकी मौत की खबर मिलेगी। सुबह उसकी मौत होने की सूचना परिजनों को मिली। मृतक डुमरी थाना क्षेत्र के चीनो रहिवासी चेतलाल सिंह के पुत्र बताये जा रहे हैं।
वह मलेशिया में एफजीवी कंपनी में काम करता था।उसकी मौत कैसे हुई इसकी जानकारी परिजनों को नहीं मिली है।वह परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था। मृतक उमेश सिंह अपने पीछे पत्नी किरण कुमारी, पुत्री पूजा कुमारी और पुत्र पप्पू कुमार को छोड़ गया है। घटना की खबर मिलते ही परिवार में मातम पसर गया है और गांव में भी शोक की लहर है।
उमेश की मौत की घटना के बाद प्रवासी हित में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकंदर अली ने मृतक के घर पहुंचकर गहरी संवेदना जताते हुए सरकार से मांग की है कि मृतक का शव जल्द से जल्द मलेशिया से लाया जाए। उन्होंने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी झारखंड के कई प्रवासी मजदूरों ने विदेशों में अपनी जान गंवाई है।
गौरतलब है कि, झारखंड के हजारों मजदूर आजीविका की तलाश में विदेशों और देश के अन्य राज्यों का रुख करते हैं, जहां उनके लिए हालात बेहद चुनौतीपूर्ण होते हैं। कुछ दिनों पूर्व झारखंड के बोकारो, गिरिडीह और हजारीबाग जिले के सैकड़ो मजदूर मलेशिया और कैमरून में फंसे हुए थे। जिनकी वापसी बहुत ही मुश्किल से हो पाई है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कब तक झारखंड के युवा परदेस में जान गंवाते रहेंगे? ऐसे में सरकार को चाहिए कि राज्य में ही रोजगार की ठोस व्यवस्था करे, ताकि मजदूरों को पलायन के दर्द से बचाया जा सके।
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