एस. पी. सक्सेना/गिरीडीह (झारखंड)। झारखंड के गिरिडीह जिले में पिछले कई वर्षो से नक्सली संगठन में जुड़ कर 50 से अधिक नक्सली घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस के लिए सिरदर्द बने नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ज़ोनल कमिटी मेंबर 10 लाख के इनामी नक्सली रामदयाल महतो उर्फ़ बच्चन दा ने एनआईए के समक्ष सरेंडर कर दिया।
जानकारी के अनुसार इनामी नक्सली बच्चन दा गिरिडीह जिला के हद में पिरटांड थाना क्षेत्र के पिपराडीह का रहने वाला है। उसकी तलाश गिरिडीह पुलिस लम्बे समय से कर रही थी। बताया जाता है कि 15 लाख के इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा की गिफ्तारी के बाद बच्चन दा ने गिरिडीह में नक्सली संगठन का नेतृत्व कर रहा था।
रामदयाल महतो उर्फ़ बच्चन दा का आतंक न सिर्फ गिरिडीह, बल्कि आसपास के जिले में भी लम्बे समय से बरकरार था। सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ वर्षो से उसकी तबियत ठीक नहीं थी। वह विभिन्न बिमारियों से ग्रसित था। वह पुलिस से छिप छिपकर झोला छाप डॉक्टरों से इलाज करा रहा था। बताया जाता है कि पुलिस ने कई बार उसकी गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया था, लेकिन हर बार वह पुलिस को चकमा देने में सफल रहा है।
कुछ दिन पूर्व गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा पूरी टीम के साथ नक्सली बच्चन दा के अलावे अन्य कई नक्सलियों के गांव पहुंच कर उनके परिजनों से मिलकर फरार चल रहे नक्सलियों को मुख्यधारा से जुड़कर सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत सरेंडर करने की अपील की थी।
इसके बाद हीं इनामी नक्सली बच्चन दा ने एनआईए के समक्ष सरेंडर कर दिया। हालांकि अभी इस मामले में कोई भी पुलिस पदाधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। पुलिस सूत्रों के अनुसार नक्सली बच्चन दा ने एनआईए के समक्ष सरेंडर कर दिया है। इसके बाद एनआईए की टीम लगातार उससे नक्सली गतिविधियों के बारे में गहन पूछताछ कर रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूछताछ के बाद एनआईए को नक्सली संगठन से सम्बंधित अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई है, जिसके बाद टीम आगे की रणनीति बनाने में जुट गयी है।
ज्ञात हो कि झारखंड में नक्सलियों के सफाये के बाद भी गिरिडीह जिले का पारसनाथ पर्वत नक्सली संगठन का गढ़ रहा है। इस पहाड़ी क्षेत्र में कई नक्सलियों ने अपना ठिकाना बना लिया है। अब भी नक्सली संगठन की बैठकों का आयोजन इसी पारसनाथ पहाड़ी की तराई वाले इलाके में होती है। नक्सली बच्चन दा के सरेंडर करने के बाद गिरिडीह जिले में संगठन को तगड़ा झटका लगा है।
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