प्रहरी संवाददाता/गोमियां (बोकारो)। सहारा में झारखंड के लाखो निवेशकों के डूबे पैसे को निकालने को लेकर झारखंड आंदोलनकारी इफ्तेखार महमूद गंभीर दिख रहे है। उन्होंने निवेशकों को आश्वासन देते हुए कहा कि वे डूबे हुए धन को निकालने का उपाय कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि, सहारा में जमाकर्ताओं का पैसा डूबाने में केंद्र सरकार के सहकारिता मंत्रालय एवं भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) का सहभागिता का आरोप भाकपा राजद जन अभियान के संयोजक और झारखंड आंदोलनकारी इफ्तेखार महमूद ने 26 मई को लगाया।
उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने वर्ष 2015 में ही सहारा का निबंधन जब रद्द कर दिया था तो इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं किया गया। परिणामस्वरूप जमाकर्ताओं से पैसा जमा लेने का काम सहारा ने वर्ष 2015 के बाद भी जारी रखा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की संस्था सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) का काम जमाकर्ताओं को सुरक्षा देने का है, किंतु सेबी भी सहारा के पक्ष में ही दिखायी पड़ रही है।
कुछ अपवादो को छोड़ आम तौर पर सहारा में घरेलू एवं कामकाजी महिलाएं, मजदूरी करने वाले, वेतन भोगी, ठेला-खोमचा, फुटपाथ, छोटा दुकानदार, अल्प आय वाले बेटी की शादी, घर बनाने जैसी जरूरी कामो में मोटी रकम की जरूरत पड़ती है। इसे पूरा करने के लिए अपनी कमाई से थोड़ा-थोड़ा पैसा सहारा में जमा करते रहे हैं।
महमूद ने कहा कि समाज में जन्हे आर्थिक विकास के लिए सरकार की मदद की जरूरत पड़ती है, वैसे रहिवासी सहारा द्वारा लूट लिये गये है। उन्होंने कहा कि सहारा में जमा कर्ताओं का डूब गया पैसा निकालने के लिए वे उपाय ढूंढ रहे है।
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