योजना स्थल विरान, मजदूर परेशान, पलायन को मजबूर 

फिरोज आलम/जैनामोड़(बोकारो)।  सरकार (Government) की महत्वपूर्ण योजना मनरेगा अपनी सांस क्षेत्र में तोड़ने को मजबूर हो हैं। विभागीय लापरवाही के कारण जिले में तमाम योजना स्थल विरान है। काम नहीं मिलने से मजदूर परेशान हाल है और पलायन को मजबूर है।
बताया जाता है कि मनरेगा में काम करने वाले मजदूरो को करीब 3 महिने से मजदूरी का भुगतान नही किया गया है। सरकार की महत्वपूर्ण योजना में काम करने वाले मजदूर रूपये के लिए दर दर भटकने को मजबूर हो रहें हैं। बोकारो जिला के हद में जरीडीह प्रखंड (Jaridih block) मनरेगा पदाधिकारी आशिष रंजन (Ashish Ranjan) ने कहा कि प्रखंड में करीब 3 महिने से मनरेगा कर्मियों को मजदूरी का भुगतान नही किये जाने से मजदूरो में निराशा छाया हुआ है। उन्होंने बताया कि मनरेगा का भुगतान झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास अभिकरण रांची के द्बारा किया जाता है।  सरकार के अधिकारी द्वारा प्रखंड में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा क्षेत्र में काम कराने के लिए योजना का अभियान चलाया जाता है, लेकिन क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरो को काम करने के बाद समय पर मजदूरी का भुगतान नही किया जाता है। क्षेत्र के मजदूर मनरेगा कर्मचारियों को रूपये भुगतान के लिए बंधक तक बनाने का काम करते है। जिस कारण मनरेगा कर्मचारी क्षेत्र में नहीं जा कर किसी भी तरह अपनी नौकरी बचाने का काम करते है। सरकार यदि समयावधि में मनरेगा का भुगतान करने का प्रयास करें तो काम में प्रगति होगा। जरीडीह प्रखंड अन्तर्गत मनरेगा सूची में सैकड़ों कार्ययोजना को अभियान की तरह शुरू किया गया है लेकिन मजदूरी का भुगतान नही किये जाने से, मजदूर काम करना ही बंद कर दिया है। जिस कारण कार्ययोजना स्थल विरान हो गया है। प्रखंड विकास पदाधिकारी उज्जवल कुमार सोरेन ने कहा कि मनरेगा कार्यो का भुगतान राज्य सरकार के द्बारा किया जाता है, लेकिन राज्य सरकार के द्वारा भुगतान नही किये जाने से क्षेत्र में संचालित काम पूरी तरह बंद है।

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