विद्युत कटौती एवं विभाग की मनमर्जी के खिलाफ होगा आंदोलन-सुरेन्द्र

सीबीआई, ईडी, एसीबी के जरिये विपक्षी नेताओं को परेशान कर रही है मोदी सरकार-सुरेन्द्र

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। बिजली विभाग (Electricity Department) की लापरवाही के कारण 24 अगस्त की सुबह अचानक करीब 9 घंटे विधुत कटे रहने से समस्तीपुर शहरवासी हलकान रहे। कोई शौचालय जाने के लिए पानी का इंतजार रहते रहे, तो कोई स्नान किए बिना ही घर से निकल गये। किचेन वर्क भी पानी के बिना प्रभावित हुआ। तो दूसरी ओर भीषण गर्मी में पंखा, कूलर चलने के इंतजार में रहिवासी छटपट करते रहे।

विद्युत विभाग द्वारा वगैर सूचना उमस भरी गर्मी के समय में 9-9 घंटे विधुत कटौती के विभागीय कदम को भाकपा माले के समस्तीपुर जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने मनानी कदम बताते हुए स्थिति में सुधार नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। माले नेता ने बगैर सूचना दिए अचानक 9 घंटे विधुत कटौती की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग जिलाधिकारी से की है, अन्यथा आंदोलन की चेतावनी दी है।

चर्चित विधुत आंदोलनकारी सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने 24 अगस्त को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि बगैर पूर्व सूचना अथवा प्रेस विज्ञप्ति के सुबह करीब 8 बजे टाउन 1, 3 आदि का विधुत काट दिया गया। इससे रहिवासियों को नित्यकर्म के कार्यों में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। रहिवासी पानी के लिए त्राहि- त्राहि कर रहे थे।

कहीं पड़ोसी से लेकर तो कहीं खरीदकर रहिवासियों ने आवश्यक कार्य निबटाया। यह विभाग की मनमानी के साथ जनविरोधी कदम है। उन्होंने कहा कि विभाग अपने ऐसे क्रियाकलाप पर रोक नहीं लगाती है तो विभाग के खिलाफ भाकपा माले आंदोलन चलाएगी।

सीबीआई, ईडी, एनसीबी के जरिये विपक्षी दलों के नेताओं को परेशान कर रही है मोदी सरकार

उन्होंने कहा कि सीबीआई, ईडी, एनसीबी वैधानिक संस्थाओं के जरिये विरोधी दलों के नेताओं को परेशान कर रही है मोदी सरकार। यह सरकार का गैर संवैधानिक के साथ अलोकतांत्रिक कदम है। भाकपा माले मोदी सरकार के इस कदम का जोरदार विरोध करती है।
उन्होंने कहा कि सरकार (Government) बदलते ही राजद के विधायकों पर 24 अगस्त को ताबड़तोड़ छापेमारी कहीं से जायजा नहीं है।

माले नेता ने कहा कि झट सरकार बदली और पट छापा से जाहिर होता है कि सरकार बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि छापेमारी के बाद आरोप साबित नहीं होता है तो छापेमारी करने वाले अधिकारी पर एफआईआर दर्ज (Ragistar  कर कानूनी कार्रवाई होना चाहिए।

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