बेरमो में सपना बना सुरक्षित यातायात

ट्रैफिक पुलिस के अभाव में अकसर लगता है जाम

एन.के.सिंह/फुसरो (बोकारो)। बेरमो कोयलांचल में सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग (Transport department) की अकसर कोशिश होती रहती है। इसके बावजूद अकसर बड़ी दुर्घटना के बाद क्षेत्र के राजनीतिज्ञ एवं अधिकारी मौके पर पहुंचकर व्यवस्था सुधारने की बात जरूर करते हैं, लेकिन कुछ ही दिन के बाद फिर सब कुछ सामान्य हो जाता है।

हालांकि यहां की प्रमुख सड़क चंद्रपुरा-गोमियां पर सरकार की ओर से करीब सवा सौ करोड़ पर खर्च किया गया है। आने वाला कुछ दिनों कुछ दिनों में जैनामोड और डुमरी पथ को फोरलेन मे बदलने की योजना पर भी काम हो रहा है।

यहां मार्गदर्शिका द्वार फुसरो स्थित बेरमो थाना (Bermo Police station) के समीप ,चंद्रपुरा एवं दुग्धा के अलावा करगली गेट के पास लगाया गया है। अन्य स्थानों पर इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं है। यही कारण है कि अंजान वाहन राह भटक जाते हैं। वाहनों के सही ढंग से नियम के तहत निर्धारित मार्ग पर नहीं चलाए जाने एवं ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था नही होने से अकसर सड़क पर जाम लग जाता है।

जिसके आमजन सहित स्कूली बच्चे परेशान रहते हैं। आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए क्षेत्र में पर्याप्त एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है। इसके बावजूद कई दफा घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाती। इसका कारण एंबुलेंस संचालन सही व्यवस्था या व्यक्ति के हाथो नहीं किया जाना है।

 

बड़े सड़क हादसों से निपटने के लिए अनुमंडल में कहीं भी आपदा राहत की कोई व्यवस्था नहीं है। हादसों में अकसर घायलों की मदद के लिए राहगीर, स्थानीय रहिवासी या फिर सूचना मिलने पर रिश्तेदार ही आगे आते हैं। कई मामलों में आपदा से निपटने के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन को ही काम करना पड़ता है।

बेरमो अनुमंडल में सड़क हादसे की स्थिति को देखते हुए यहां सुधार के लिए कई कदम उठाने की आवश्यकता है। सर्वप्रथम विभाग को इसके प्रति संवेदनशील होकर सक्रिय रूप से काम करना होगा। साथ ही लोगो को भी नियम पालन करने के लिए जागरूक करना होगा।

इसके अलावा संसाधन बढ़ाने एवं उसके रखरखाव पर नियमित ध्यान देना, रिफ्लेक्टर, सिग्नल, संकेतक, दिशा- निर्देश, सूचना पट्ट आदि की नियत समय एवं अंतराल में जांच कराना, वाहनों की फिटनेस जांच, ड्राइवरों के लाइसेंस की जांच सहित आपदा प्रबंधन के आवश्यकतानुसार सख्ती बरतने की जरूरत है।

स्थानीय निवासी नरेश महतो, दीपक गिरि, बबलू महतो, जितेंद्र सिंह, महेंद्र महतो, दिनेश गोस्वामी, सुनील कुमार आदि ने कहा कि सिर्फ ओवरब्रिज के सुंदरीकरण से आए दिन होने वाले घटना को रोका नहीं जा सकता है।

यह महज आई वास है। जबकि सुंदरीकरण के नाम पर प्रतिवर्ष करोड़ो रूपये खर्च किए जाते हैं। अभी कुछ ही दिनों में ही फुसरो ओवरब्रिज से लेकर मकोली मोड तक सड़क हादसे में आधा दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है।

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