स्वास्थ्य विभाग द्वारा डीडीटी का छिड़काव किया जाना चाहिए-गोविन्द पाठक
सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में सेल नगरी गुवा, किरीबुरू एवं मेघाहातुबुरू टाउनशिप में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। प्रतिवर्ष लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद शहर में मच्छरों का प्रकोप निरंतर बढ़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि सारंडा पहले से मलेरिया प्रभावित जोन की श्रेणी में आता है। सेलकर्मी मलेरिया से ग्रसित नहीं हों, इसके लिए सेल प्रबंधन मलेरिया व मच्छरों के प्रकोप को शून्य करने के लिए लाखों रूपये खर्च कर शहर में फॉगिंग व कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करवाती रहती है।
जिससे शहर मच्छरों से हमेशा मुक्त रहे। यह पहला अवसर है जब लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद मच्छरों पर दवाओं का असर नहीं हो रहा है। दशकों बाद रहिवासी मच्छरदानी व मच्छरों को मारने या भगाने से जुड़ी दवाओं का इस्तेमाल घरों में करने को बाध्य हैं।
इसे लेकर 7 मई को पश्चिमी सिंहभूम पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष गोविन्द पाठक ने आरोप लगाया है कि मच्छरों को नियंत्रित करने के लिए अच्छी दवा का उपयोग नहीं किया जा रहा है। पाठक ने बताया कि सुदूरवर्ती गांव में मच्छरों को भगाने के लिए रहिवासी नीम के पत्ते को जलाकर मच्छर से बच रहे हैं। साथ ही कुछ ग्रामीण रहिवासी मच्छरदानी का उपयोग कर रहे हैं।
पूर्व जिलाध्यक्ष पाठक ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा आसपास के गांव तथा सेल नगरी गुवा, मेघाहातुबुरु, किरीबुरू आदि क्षेत्र मे डीडीटी का छिड़काव किए जाने की माँग की है।
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