जीवन दान मुझे दो भिक्षा।
मुझे भी है जीने की इच्छा।
तनिक तरस तो मुझपे खाओ।
माँ मुझको संसार दिखाओ।
जग में अपना नाम करुँगी।
घर का सारा काम करुँगी।
मान बढ़ाऊँगी तुम सबका।
कभी ना मैं विश्राम करुँगी।
पापा को तुम्ही समझाओ।
माँ मुझको संसार दिखाओ।
ममता जिसमे जगत समाये ।
कैसे हत्यारन बन जाये।
वंश के लोभ में तेरी ममता।
क्यों इतनी अंधी हो जाये।
मेरी तो ना बली चढ़ाओ।
माँ मुझको संसार दिखाओ।
जग की नवका हम खेते हैं।
कुल को वंश हमी देते हैं।
हम से ही है जग उजियारा।
सारे दुःख बस सह लेते हैं।
बेटी का सम्मान बढ़ाओ।
माँ मुझको संसार दिखाओ।
1,171 total views, 2 views today