दिव्य रश्मि पत्रिका द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती पर काव्य सम्मेलन

सम्मानित किये गये 24 साहित्यकार

एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। दिव्य रश्मि पत्रिका परिवार द्वारा 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की जयंती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर काव्य गोष्ठी का आयोजन कर 24 साहित्यकारों को सम्मानित किया गया।

उक्त जानकारी देते हुए मुजफ्फरपुर के युवा कवियित्री सविता राज ने 13 जनवरी को बताया कि बिहार की राजधानी पटना के दक्षिणी गाँधी मैदान स्थित आईएमए हाल प्रांगण में स्वामी विवेकानंद के चित्रों पर माल्यार्पण कर तथा दीप प्रज्वलित कर सभा का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ डॉ प्रतिभा रानी द्वारा मंगलाचरण कराया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जानेमाने साहित्यकार एवं कथाकार पंडित मार्कंडेय शारदेय ने की।

इस अवसर पर शारदेय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने हिन्दू समाज के लिए काफी कुछ किया है। आज के युवाओ को भी उनका अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है देश और हिंदुत्व की रक्षा के लिए उनके विचारो का अनुसरण करना।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रकाश मिश्र ने कहा कि महापुरुषों की जयंती मानाने से ज्यादा आवश्यक है उनका अनुसरण करना। मुख्य वक्ता पटना उच्य न्यायलय के अधिवक्ता संजीव कुमार ने कहा कि आज स्वामी विवेकानंद की 161वीं जन्मोत्सव है। हमलोग पिछले बारह सालो से प्रत्येक वर्ष इस आयोजन को करते आ रहें है, यह हम सबों के लिए एक सुखद अनुभव है। आज हमलोग इस बात की चर्चा करे कि स्वामीजी के विचारो से किस प्रकार राष्ट्र की रक्षा की जा सकती है।

कहा कि सर्वप्रथम हमें यह समझना होगा कि व्यक्ति किस प्रकार से अपनी रक्षा, परिवार की रक्षा, समाज की रक्षा और राष्ट्र की रक्षा कर सकता है। उसमे स्वमी विवेकानंद की कौन सी बाते प्रासंगिस है। अगर किसी राष्ट्र के नागरिक का चरित्र ठीक है तो सम्पूर्ण राष्ट्र का ही चरित्र ठीक हो जाएगा। अर्थात एक चरित्रवान राष्ट्र एक चरित्रवान व्यक्ति के सामान मजबूत हो जाएगा, जिसे दुनिया की कोई ताकत हिला नहीं सकती। झुका नहीं सकती।

आयोजित कार्यक्रम में संगीता मिश्रा, सविता राज, डॉ प्रतिभा रानी, डॉ राजमणि मिश्र, जय प्रकाश कुँवर, विनोद शंकर मिश्र, सुनील कुमार, शुभचन्द्र सिन्हा, रामाशीष सिंह एवं मधुरेश नारायण ने कविता पाठ किया। कार्यक्रम में साहित्य के क्षेत्र में स्वामी विवेकानंद शिखर सम्मान से 24 साहित्यकारों को सम्मानित किया गया।

जिसमें मधुरेश नारायण, धनंजय जयपुरी, डॉ अंकेश कुमार, शुभ चंद्र सिन्हा, विनोद शंकर मिश्र, रामाशीष सिंह, डॉ राजमणि मिश्र, सुनील कुमार, संजय मिश्र अणु, डॉ अवध विहारी सिंह, सविता राज, संगीता मिश्र, डॉ प्रतिभा रानी, जयप्रकाश कुँवर, विनय मिश्र “मामूली बुद्धि”, प्रभाकर चौबे, भोला झा उर्फ लालबाबा, प्रकाश कुमार मिश्र, अरुण कुमार, अमित कुमार, शशिधर मिश्र, रमेश कुमार, चंद्रकांत मिश्र, दिनेश पांडेय आदि साहित्यकार शामिल है।

कार्यक्रम में जितेन्द्र कुमार सिन्हा, सुबोध सिंह, शिवानन्द गिरी, अरविन्द अकेला, रौनक राज, राजीव झा, डॉ पुरुषोतम कुमार, संतोष कुमार सागर, लक्ष्मण पांडेय, रवि कुमार, श्याम श्यामल, अमर कुमार, रोहिणी पति सिंह, प्रेम सागर पांडेय, अजित सिन्हा, डॉ राकेश प्रताप सिंह, उमेश कुमार, मधुरेश नारायण, धनंजय जयपुरी, डॉ अंकेश कुमार, शुभचंद्र सिन्हा, विनोद शंकर मिश्र, आदि।

रामाशीष सिंह, डॉ राजमणि मिश्र, सुनील कुमार, संजय मिश्र अणु, डॉ अवध विहारी सिंह, सविता राज, संगीता मिश्र, डॉ प्रतिभा रानी, जयप्रकाश कुंवर, विनय मिश्र “मामूली बुद्धि”, प्रभाकर चौबे, भोला झा उर्फ लालबाबा, प्रकाश कुमार मिश्र, अरुण कुमार, अमित कुमार, शशिधर मिश्र, रमेश कुमार, चंद्रकांत मिश्र, दिनेश पांडेय आदि उपस्थित थे।

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