नेहरूनगर में चला मनपा का बुलडोजर

मुंबई। कुर्ला पूर्व के नेहरूनगर स्थित शिवश्रृष्टी के बड़े नाले के किनारे बने दर्जनों अवैध झोपड़ों को मनपा ने भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच ध्वस्त कर दिया। इनमें एक राकांपा के पूर्व विधायक मिलिंद अन्ना कांबले का कार्यालय भी शामिल है। इससे पहले यहां 2009 और 2011 में भी तोड़क कार्रवाई हो चुकी है। इसके बावजूद लोगों ने यहां करीब 108 झोपड़े बनवाए थे।

मिली जानकारी के अनुसार मनपा एल वार्ड के हद में आने वाले बड़े नाले के किनारे बने अवैध झोपड़ों को मनपा के अधिकारियों ने भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच ध्वस्त कर दिया। बताया जाता है कि करी तीन जेसीबी की मदद से करीब तीन दर्जन झोपड़ों को तोड़ा गया है। इससे पहले भी यहां 2009 और 2011 में भी तोड़क कार्रवाई हो चुकी है।

स्थानीय लोगों के अनुसार 2009 में बारिश के शुरूआती दौर में यह कह कर तोड़ा गया था कि यहां के स्थाई व स्थानीय लोगों का पुनर्वास कराया जाएगा। तोड़क कार्रवाई के बाद लोगों के दस्तावेजों की जांच की गई तो अधिकांश लोगों को जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा अपात्र कर दिया गया। हालांकि जो लोग पात्र थे उन्हें शिफ्टिंग दी गई। लेकिन विभाग द्वारा दी गई शिफ्टिंग लोगों को मंजूर नहीं था।

इस लिहाज से कुछ लोग यहां से गए, लेकिन अधिकांश लोगों ने तत्कालीक राकांपा विधायक की शरण ली थी। राकांपा विधायक मिलिंद अन्ना कांबले ने इस मुद्दे पर पूर्व मनपा आयुक्त सीताराम कुंठे से चर्चा करने के बाद इन झोपड़ों को अस्थाई तौर पर बनाया गया था ,जो कि मनपा के मीनिटस बुक में दर्ज है। बहरहाल अस्थाई झोपड़ों के बनने के दौरान कई शिकायते भी आई लेकिन मनपा के अधिकारियों की सह पर इसे पुख्ता बनवाया गया।

इनमें कुछ लोगों ने पक्का मकान बनाते ही 25 से 40 लाख में बेच कर अपने आप को सुरक्षित कर लिया। लेकिन जो लोग और अधिक के लालच में थे उनका झोपड़ा आज 31 मई 2017 को मानसून से पूर्व ही तोड़ दिया गया। दरअसल बड़े नाले के किनारे बने झोपड़े इससे पहले का एक हिस्सा पिछले साल बारिश से पूर्व नालों की सफाई के दौरान खुद ही गिर पड़ा था। इस मुद्दे पर काफी चर्चाएं भी हुई थीं। उपरोक्त झोपड़ों के गिरने के बाद यहाँ के लोगों ने मनपा के अधिकारियों पर आरोप लगाया था कि इसे जानबुझ कर गिराया गया है।

बता दें कि नेहरूनगर स्थित शिश्रृष्टी के बड़े नाले की सफाई व देख रेख के लिए यहां 60 फीट का रोड बनने वाला था। इसके लिए निविदा भी निकाली गई थी। लेकिन स्थानीय विधायक के दबाव पर उसे रोक दिया गया था। जिसे आज ध्वस्त कर दिया गया। मनपा सूत्रों की माने तो आने वाले दिनों में मिलन नगर सोसायटी के साथ कुछ और झोपड़ों को ध्वस्त किया जाएगा।

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