कोरोना योद्धा की टीम ने रोका महामारी को- अनिल पाटणकर

आनंद मिश्र/ मुंबई। जनता के द्वारा चुनकर आए जनसेवक या यूं कहिए कि नगरसेवक की भूमिका क्या होनी चाहिए, घाटला विलेज के कारपोरेट अनिल पाटणकर (Anil Patankar) ने इसका रोल मॉडल प्रस्तुत किया है। जब लाकडाउन लगा और लोग अपने घरों में कैद हो गए, एक चुने हुए जनप्रतिनिधि के नाते पाटणकर ने अपनी कार्यकर्ताओं की एक लिस्ट तैयार की और यह सुनिश्चित करने का हर संभव प्रयास किया कि उनके एरिया में कोरोना का प्रसार ना हो और इसे जल्द से जल्द काबू में लाया जा सके। इसके लिए पैदाइशी शिवसैनिक श्री पाटणकर ने “कोरोना योद्धा” की एक समर्पित टीम भी तैयार की जिसने स्थानीय स्तर पर बीएमसी के आरोग्य कर्मियों के साथ मिलकर एक चेन बनाई और घर-घर जाकर डोर टू डोर स्क्रीनिंग की जिससे, श्री पाटणकर के अनुसार, कोरोना को कंट्रोल करने में काफी हद तक मदद मिली। वार्ड क्रमांक 153 से दूसरी बार नगरसेवक चुनकर आए 54 वर्षीय श्री पाटणकर की संगठनात्मक क्षमता को देखते हुए पार्टी ने इन्हें पिछले साल बेस्ट कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया और तभी से पाटणकर अपने दम खम के साथ पूरी टीम का बखूबी नेतृत्व कर रहे हैं। उनके सहकर्मियों के अनुसार जब भी कभी बेस्ट के सबसे कुशल और क्षमतावान चेयरमैन के नाम की चर्चा होगी, पाटणकर का नाम उसमें अवश्य शमिल होगा। आज के ताजा हालत पर उनकी राय जानने के लिए हमारे संवाददाता आनंद मिश्र ने उनसे बातचीत की। प्रस्तुत है मुख्य अंश 

सवाल: सबसे पहले आप यह बताइए कि आपके एरिया में कोरोना की क्या स्थिति है?
जवाब: मैं तो कहूंगा बिल्कुल नियंत्रण में है। क्योंकि हमारे वार्ड में हमारे समर्पित कार्यकर्ताओं की कई कार्यक्षम टीम बीएमसी के आरोग्य कर्मियों के साथ समन्वय स्थापित कर घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कर रही है और मेरे एरिया के 45 हजार लोगों में से करीब 30 हजार लोगों की स्क्रीनिंग अब तक की जा चुकी है। यह सारी स्क्रीनिंग की प्रक्रिया बीएमसी के हेल्थ वर्कर्स के साथ कदम से कदम मिलाकर की जा रही है और इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंड को अपनाया जा रहा है। हमने इस समर्पित टीम को “कोरोना योद्धा” का नाम दिया है जिन्होंने आपस में ग्रुप बनाकर एरिया को आपस में बांट लिया है और फिर घर घर जाकर स्क्रीनिंग कर रहे हैं। हम बाकायदा उनकी रिपोर्ट तैयार कर बीएमसी के साथ शेयर भी कर रहे हैं।

सवाल: इस स्क्रीनिंग से क्या फायदे हुए हैं ?
जवाब: इस स्क्रीनिंग से काफी फायदे हुए हैं। महामारी को लेकर लोगों के बीच क्या चल रहा है, उनके घर में कितने लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं, कैसे इनकी रोकथाम की जा सकती है, जैसी बातों का निर्धारण करने में हमें और BMC को काफी मदद मिल रही है। मैंने खुद कई बार इस स्क्रीनिंग ड्राइव का नेतृत्व किया है और मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि इसके चलते कोविड के रोकथाम में काफी मदद मिली है, अन्यथा आज चेंबूर के एम-वेस्ट एरिया में कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया होता। परंतु आज ऐसी स्थिति नहीं है और सिर्फ इक्का-दुक्का मामले सामने आ रहे हैं। और मैं यह भी कहना चाहता हूं की कोरोना की रोकथाम के साथ ही साथ, बीएमसी का प्रशासन डेंगू, मलेरिया, गैस्ट्रो, चिकनगुनिया आदि की तैयारी में भी जुड़ा हुआ है।

सवाल: इसके अलावा आपने क्या किया है?
जवाब: इसके अलावा एक नगरसेवक की हैसियत से मैंने कोविड प्रभावित इलाकों में नियमित अंतराल पर सैनिटाइजेशन करवाया, वहां के टॉयलेट के बाहर साफ-सफाई, सैनिटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित कराई, फागिंग करवा रहा हूं साथ ही साथ लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने और मास्क वितरित करने का भी काम करा रहा हूँ। इसी की बदौलत हमारे एरिया में अब बहुत कम ही केस सामने आ रहे हैं। जब से लॉकडाउन लगा हमने अपने एरिया के सभी जरूरतमंदों गरीबों पीड़ितों आंगनबाड़ी सेविकाओं विकलांगों को राशन बाटे राशन के बांटे और अपने कार्यकर्ताओं को कहा कि उनका लगातार ध्यान रखें इसके साथ ही हेल्थ पोस्ट पर अपने योद्धाओं को तैनात कर बीएमसी की मेडिकल टीम को कोई दिक्कत ना हो, उन्हें मेडिकल किट, पीपीई  मशीन आदि उपलब्ध कराने का कार्य किया।

सवाल: बेस्ट के कितने कर्मचारियों को कोरोना हुआ है?
जवाब: लॉकडाउन के दिनों में भी जरूरी सेवाओं के तहत हमारी बेस्ट बसों के पहिये रुके नहीं थे और ड्यूटी निभाने के दौरान कोरोना से संक्रमित होकर हमारे बेस्ट के लगभग 20 कर्मचारी अपनी जान गवा चुके हैं। उन्हें 50 लाख का बीमा सुरक्षा दे दिया गया है और उनके परिवार की सामाजिक सुरक्षा के लिए उनके किसी एक आश्रित को नौकरी भी दी जाएगी। आज की तारीख में कम से कम हमारे 600 बेस्ट कर्मी ड्यूटी पर हाजिर रहने के दौरान कोरोना से ग्रसित पाए गए हैं जिनमें से करीब 350 लोग स्वस्थ होकर फिर से काम पर लग गए हैं और मैं उनकी जिंदादिली की तारीफ करता हूं। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि जो लोग अभी भी एडमिट है वह जल्द ही स्वस्थ हो।

सवाल: क्या बीएमसी ने कोरोना को प्रभावशाली ढंग से हैन्डल किया है ?
जवाब: कोरोना को रोकने का सारा दारोमदार बीएमसी पर ही था और मैं यह गर्व के साथ कहता हूं बीएमसी ने अपनी पूरी तन्मयता और तत्परता के साथ इस पर लगाम लगाने और जन जन तक लोगों को अपनी स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का कार्य किया है। जरा सोचिए कि सवा करोड़ से ज्यादा की आबादी को वाले इस शहर में इस महामारी को कंट्रोल करना कितना दुष्कर कार्य है, फिर भी हमारे बीएमसी के कर्मियों ने, हमारे मुंबई पुलिस के जवानों ने, डॉक्टरों ने, नर्सों ने, सभी ने मिलकर को कंट्रोल किया है और इसका उदाहरण धारावी जैसे एरिया में मिलता है जहां कोरोना को बिल्कुल काबू में कर लिया गया है।

सवाल: तो क्या सरकार की तरफ से कोई चूक हुई ? आपको क्या लगता है कि कोरोना का प्रसार मुंबई में ज्यादा क्यों हुआ?
जवाब: इसके प्रसार की शुरुआत तो विदेशों से आने वाली फ्लाइट से हुई। विदेशों से और खासकर चीन से आने वाली फ्लाइट की उड़ान पर पाबंदी लगाने में देरी कर दी गई। शायद आपको पता होगा हमारे 30 नगरसेवक स्टडी के लिए चीन के कुछ शहरों का दौरा करने वाले थे। 17 फरवरी को फ्लाइट थी। परंतु जब पता चला कि वहां के वुहान शहर में कोरोना का आउटब्रेक हुआ है तो यह दौरा 9 फरवरी को रद्द कर दिया गया। मेरा कहने का तात्पर्य है की चीन से पहले कोरोना को और भी पहले रोका जा सकता था, परंतु बड़े स्तर पर हमसे चूक हो गई। फिर भी मैं उम्मीद करता हूं कि आने वाले समय में कोरोना पर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा और हम सभी फिर से स्वस्थ और खुशहाल जिंदगी जिएंगे।

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