भूखमरी के कगार पर झारखंड के किसान

राज्य को सूखा ग्रस्त घोषित करे सरकार – जानकी यादव

मुश्ताक खान/ हजारीबाग। झारखंड के विभिन्न जिलों में सूखा, भूखमरी और आकाल की स्थिति पैदा होने कारण किसानों के सामने भूखमरी की नौबत आ गई है। कर्ज के बोझ से दबे राज्य के किसानों के साथ-साथ यहां के पशु, पक्षी, जंगली जानवर भी पानी के लिए ग्रमीण और आवासीय क्षेत्रों में घुसने लगे हैं। खेतों में दरारें पड़ गई हैं। इसे देखते हुए बरकट्ठा के विधायक जानकी प्रसाद यादव ने पूरे राज्य को सुखा घोषित करने की मांग राज्य के मुख्यमंत्री से की है।

झारखंड राज्य आवास बोर्ड के अध्यक्ष एवं बरकट्ठा के विधायक जानकी प्रसाद यादव ने अपने क्षेत्र सहित, हजारीबाग विधानसभा और कोडरमा जिले को भी सूखा ग्रस्त घोषित करने की मांग की है। इस मुद्दे पर उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास से चर्चा कर एक पत्र भी दिया है। 2 नवंबर को लिखे उक्त पत्र में उन्होंने पूरे राज्य को सुखा ग्रस्त घोषित करने की मांग की है।

सीएम दास ने विधायक को अश्वासन दिया है कि जरूरी प्रक्रिया पूरा होने के बाद ही उनकी मांगों पर विचार या अमली जामा पहनाया जा सकता है। सूखा घोषित करने के लिए विधायक ने 6 जून और 28 अक्टूबर को भी मुख्यमंत्री को पत्र दे चुके हैं।

गौरतलब है कि राज्य आवास बोर्ड के अध्यक्ष एवं विधायक जानकी यादव ने अपने पत्र में कहा है कि बरकट्ठा, हजारीबाग और कोडरमा विधानसभा कृषि प्रधान क्षेत्र है। लेकिन इस वर्ष औसत से कम बारिश होने के कारण यहां की खेतों में दरारें पड़ गई हैं। इसके अलावा जहां थोड़ा बहुत बचा था वह सूखे की भेंट चढ़ गया। इससे इन क्षेत्रों के किसानों को भारी निराशा हाथ लगी है। मौजूदा हालात के मद्देनजर कर्ज में डूबे किसानों को कर्ज भरने की चिंता सता रही है।

हालांकि मॉनसून के अंत में कुछ वर्षा हुई इससे किसानों में आस जगी थी, इस आस में किसानों ने किसी तरह कर्ज आदि लेकर पटवन और खेतों में बीज भी डाले। लेकिन मानसून के तेवर बदलने के कारण अंत में आकाल की स्थिति बन गई, और सारे बीज भी सूखे की भेंट चढ़ गए। विधायक के अनुसार हजारीबाग जिले में 31 फीसदी और कोडरमा में करीब 23 फीसदी धान की रोपनी हो चुकी थी। जबकि पूरे राज्य में करीब 50 फीसदी रोपनी का अनुमान लगाया जा रहा है।

विधायक जानकी यादव के अनुसार बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र के हजारीबाग जिला के इचाक, बरकट्ठा, चलकुसा, टाटीरीया एवं दारू प्रखंड और कोडरमा के जयनगर, चंदवारा आदि क्षेत्र हैं। यह क्षेत्र खेतों और जंगलों से भरा पड़ा है। यहां खेती के अलावा मवेशी, जंगली जानवर एवं पक्षी भी मॉनसून पर ही निर्भर हैं। लेकिन मॉनसून के तेवर बदलने से फसलें बर्बाद हो गई, वहीं पशु, पक्षी और मवेशियों के लिए भी संकट गहराने लगा है।

उन्होंने कहा की ऐसी स्थित करीब एक दशक बाद पैदा हुई है। हाल के दिनों में नदी नालों में भी जल निम्न स्तर पर है। जिससे रबी की फसल होने की कोई उम्मीद नहीं है। ऐसी परिस्थिति में बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र के साथ हजारीबाग एवं कोडरमा जिले में युद्ध स्तर पर राहत कार्य चलाने की अवश्यकता है, अन्यथा ग्रीष्म ऋतु में आने वाली समस्याओं से निपटना सरकार के लिए संभव नहीं होगा। इन क्षेत्रों में जल श्रोतों के लिए कच्ची चेक डैम का शीघ्र निर्माण किया जाना चाहिए।

ताकि जल का संरक्षण किया जा सके। ऐसा करने से पशु पक्षी पर इसका प्रभाव कम पड़ेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि बरकट्ठा विधानसभा के अलावा हजारीबाग, कोडरमा सहित पूरे राज्य में हुए औसतन मानसून को देखते हुए, वैसे किसानों को भी मुआवजा दिया जाए, जो अल्प वर्षा के कारण रोपनी नहीं कर पाए हैं। इसके अलावा पूरे राज्य को सूखा ग्रस्त घोषित करने के साथ-साथ राहत कार्य चलाने की मांग भी विधायक ने की है।




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