विस्थापित मोर्चा ने की नौकरी, मुआवजा की मांग

एस. पी. सक्सेना/ बोकारो। कोलफिल्ड रैयत विस्थापित मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष मोनासिरूद्दीन अशरफी ने सीसीएल (CCL) के महाप्रबंधक (भूमि एवं राजस्व विभाग) को पत्र प्रेषित कर जारंगडीह मौजा के विस्थापितों को अविलंब नौकरी एवं मुआवजा देने की मांग की है। मोर्चा के नेता अशरफी ने प्रेषित पत्र क्रमांक-cmu/invm:195/2019 दिनांक – 21/11/19 के माध्यम से मुख्यतः6 बिंदुओ को इंगित किया है। जिसमें कहा गया है की जारंगडीह मौजा के अंतर्गत 35 एकड़ भूमि को सीसीएल प्रबंधन द्वारा दरवाजा अधिग्रहण क्रमांक-2040 दिनांक-8 जुलाई 1965 में अर्जित भूमि का मुआवजा एवं नौकरी दिया है।

इसकी जानकारी उपलब्ध करायी जाए। जबकि इस मौजा के अंतर्गत 1184.49 एकड़ के संदर्भ में जनसूचना अधिकार अधिनियम के द्वारा सीसीएल प्रबंधन के अनुसार उक्त भूमि L.A Act के तहत अर्जन कर NCDC(National Coal Development corporation) को हस्तांतरित किया गया। पुनःउस भू-भाग को C.B.A Act के तहत अर्जित की गई है। जिसमें उपरोक्त 35 एकड़ शामिल है। पत्र में कहा गया है कि अधिग्रहित 1184.49 एकड़ भूमि का 16.11 एकड़ भूमि बोकारो उपायुक्त ने अपने पत्रांक-91 दिनांक-26 अगस्त 2017 द्वारा भू-सत्यापन कर रैयती मान्यता प्रदान किया गया है।

पत्र में मोर्चा नेता अशरफी ने कहा है कि उपरोक्त वर्णित भूमि का रैयत के नाम से राजस्व व लगान-मालगुजारी रशीद वर्तमान तक कटता रहा है, तथा इसका मालिकाना हक रैयत को हासिल है। जबकि इसके बदले में नौकरी व मुआवजा की मांग को स्थानिय प्रबंधन लगातार टाल-मटोल करती रही है। मोर्चा नेता ने पत्र में रैयत को उनका हक देने की मांग की है। पत्र की प्रति मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र रांची, उपायुक्त एवं अपर समाहर्ता (भू-राजस्व) बोकारो तथा महाप्रबंधक कथारा क्षेत्र को प्रेषित किया है।

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