छठ महापर्व पर मिनाक्षी जयसवाल “स्वरा” की रचना

ऐसन न कोई जन है,
जो तोहरी महिमा के बात ना करे,
हे छठी मैया असीस दिह,
हमर सब कुटुंब सुख से रहे!
सास गोतनी मुस्काए ससुरार में,
नैहरा में केकरो कोई पीर न होए,
सब जाऊत और जयधि के लागे नौकरिया,
बेटवा और धिया असमनवा के छुए!
बहिनी के घरवा के रखिह इंजोर तू,
ननदी के घरवा बगिया सा महके,
रोज़े -रोज़े बाढ़े पिया जी के रोज़गरवा,
मथवा के बिंदिया हमर चम -चम चमके!
हे छठी मैया…..
सखियन भी सज -धज खड़े हथिन भोरे -भोरे,
आवा तू मैया नदिया के तीरे,
आँख मूंदे खड़े जेठ, देवर कर जोड़े,
अरग देवे खातिर सब तोहरी बाट जोहे!
हे छठी मैया असीस दिह,
हमर सब कुटुंब सुख से रहे!!

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