सारंडा वन प्रमंडल के गुवा में स्वचालित चेकनाका एवं नाका भवन का लोकार्पण

जंगल व तकनीक एक दूसरे का पर्याय है-रवि रंजन

स्वचालित चेकनाका से अवैध खनन व पतान में काफी हद तक लगेगी रोक-चंद्रमौली

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा सारंडा वन प्रमंडल चाईबासा के गुवा वन प्रक्षेत्र में टाटा स्टील लोंग प्रोडक्ट्स लिमिटेड विजय 2 घाटकुड़ी लौह अयस्क खान के सौजन्य से निर्मित स्वचालित चेकनाका एवं नाका भवन का लोकार्पण किया गया।

लोकार्पण 10 दिसंबर को भारतीय वन सेवा के क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक सिंहभूम जमशेदपुर रवि रंजन द्वारा भावसे वन संरक्षक प्रादेशिक अंचल चाईबासा ममता प्रियदर्शी की उपस्थिति में किया गया।

इस अवसर पर सारंडा वन प्रमंडल पदाधिकारी चंद्रमौली प्रसाद ने सभी पदाधिकारियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि स्वचालित चेक नाका से अवैध खनन व अवैध पतान में काफी हद तक रोक लगेगी। उन्होने टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट के पदाधिकारियों को स्वचालित चेक नाका व नाका भवन बनाने के लिए साधुवाद दिया।

स्वचालित चेक नाका के उद्घाटन के अवसर पर रवि रंजन ने बताया कि जंगल व तकनीक एक दूसरे के पर्याय है। इस स्वचालित चेकनाका से जंगल व तकनीक को एक साथ लाने का कार्य किया गया है, जो प्रशंसनीय है।

उन्होंने कहा कि हमारे दैनिक जीवन में तकनीकी का समावेश दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह चेक नाका राज्य का पहला स्वचालित चेक नाका है। चेक नाका न सिर्फ नाका है यह शासन का प्रतीक है।

ममता प्रियदर्शी ने सभी को स्वचालित चेक नाका के लिए साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह एक अवसर है, जहां हम देख पा रहे हैं नए और पुराने में समन्वय स्थापित करने का समय है। उन्होंने बताया कि पुराना चेक नाका भी वहीं खड़ा है और नया चेक नाका भी बिल्कुल उसी के सामने बनाया गया है।

कहीं ना कहीं यह समझने की जरूरत है कि भूत और भविष्य को वर्तमान में हमें जोड़ना है। यह इसलिए आवश्यक है कि जो पहले चेक नाका बना हुआ था, वह आज के समय में उसकी प्रसंगगिता कम हो रही है, इसलिए हमने नया चेक नाका को बनाया है। यह तकनीकी युक्त है। उन्होंने वन प्रमंडल पदाधिकारी सारंडा व टाटा स्टील लोंग प्रोडक्ट्स के पदाधिकारियों को तकनीकी युक्त स्वचालित चेक नाका लगाने पर हर्ष व्यक्त की।

उन्होंने बताया कि यह चेक नाका सौर युक्त है जो नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल करेंगी। उन्होंने ग्रामीणों से सहयोग की अपील की। वनपाल प्रशिक्षण विद्यालय चाईबासा के प्रशिक्षणार्थियों को भी पुरानी व नई चेक नाका की तकनीकी को विस्तार पूर्वक समझने को कहा।

कहा कि पुराना जितना भी पुराना हो उसकी उपयोगिता बनी रहती है। नया कितना भी नया हो उसमें कुछ ना कुछ कमी रह ही जाती है। हम सभी को यही समन्वय को अपने जीवन में स्थापित करना है।

इस अवसर पर उपरोक्त के अलावा क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक जमशेदपुर राजीव रंजन, अभिषेक भूषण वन प्रमंडल पदाधिकारी कोल्हान, प्रजेश जेना, सलंग्न पदाधिकारी सारंडा, अंशुमान राजहंस, संलग्न पदाधिकारी चाईबासा, वन क्षेत्र पदाधिकारी ए के त्रिपाठी, वन क्षेत्र पदाधिकारी शंकर भगत, आदि।

वनपाल प्रशिक्षण विद्यालय के प्रशिक्षु उप परिसर पदाधिकारी गण, गुवा प्रक्षेत्र के सभी उप परिसर पदाधिकारी एवं टाटा स्टील लोंग प्रोडक्ट्स के राहुल कुमार, डी विजेन्द्र, देवाशीष मुखर्जी, देवाशीष दास आदि मौजूद थे।

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