रेल पटरी पार करने वालों पर कसा जीआरपी-आरपीएफ का शिकंजा

कुर्ला रेलवे स्टेशन पर 135 दिनों में 162 हादसे, 95 की मौत और 67 घायल !

मुश्ताक खान/मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी महानगर मुंबई की लाइफ लाइन (Life line) कहलाने वाली लोकल ट्रेन से कुर्ला रेलवे स्टेशन पर यात्रा के दौरान प्रतिदिन एक यात्री की मौत और एक घायल होते हैं। बता दें कि 1 जनवरी से 15 मई 2023 के बीच कुल 162 मामलों को दर्ज किया गया। इनमें मरने वालों की संख्या 95 है, जबकि घायलों का आंकड़ा 67 बताया गया है।

पुलिस के अनुसार पुरुषों के मुकाबले महिला मृतकों की संख्या 87 और घायलों की 56 है। वहीं पुरषों में कुल 8 की मौत और घायलों कि संख्या 11 है। इनमें कुछ घायल या मृत लोगों की शिनाख्त नहीं हो पाती, ऐसे शव को 15 दिनों के इंतजार के बाद सरकारी खर्च से अंतिम संस्कार कर दिया जाता है। जबकि घायलों का इलाज करने के बाद उन्हें घर तक जाने की व्यवस्था जीआरपी और आरपीएफ द्वारा की जाती है।

कुर्ला रेलवे स्टेशन पर तैनात जीआरपी के वरिष्ठ अधिकारी वाल्मीक शार्दुल के अनुसार लोकल ट्रेन हादसों में मरने वाले या घायलों को आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी पांचूराम मीणा और उनके मातहत काम करने वालों से भरपूर सहयोग मिलता है।

कुर्ला रेलवे स्टेशन पर लोकल ट्रेनों से यात्रा के दौरान होने वाले हादसों का एक आंकड़ा सामने आया है। इन आंकड़ों के अनुसार औसतन प्रतिदिन यात्रा के दौरान एक यात्री की मौत होती है। मरने वालों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या अधिक है।

बतादें की 1 जनवरी से 15 मई 2023, यानि लगभग साढ़े चार महीनों में लोकल ट्रेनों में यात्रा के दौरान कुल 95 यात्रियों ने अपनी जान गवाई है, इनमें 8 पुरुष और 87 महिलाओं का समावेश है। जीआरपी के अनुसार कुल 95 यात्रियों में 21 ऐसे हैं जिनकी शिनाख्त नहीं हो पाई। जिसके कारण, उन शवों को धर्म के अनुसार सरकारी खर्च पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।

साढ़े चार माह में मौत और घायलों का चौंकाने वाला आंकड़ा

मुंबई की लाइफ लाइन, लोकल ट्रेनों में यात्रा के दौरान मौत को गले लगाने वालों में बेशक पुरुषों का आंकड़ा कम है, लेकिन इनमें 31 से 40 वर्ष के 5, 41 से 50 वर्ष के 1 व 61 से 70 वर्षों के बिच के 2 यात्रियों ने यात्रा के दौरान अपनी जान गवाई है। वहीं महिलाओं में 11 से 20 वर्ष की 07 और 21 से 30 वर्ष के बिच की 21 युवतियों की यात्रा के दौरान हुए हादसों में मौत हो गई।

जबकि 31 से 40 वर्ष के बीच की 28 व 41 से 50 वर्ष के बिच 8 तथा 51 से 60 वर्ष की 21 और 61 से 70 वर्ष की 5 व 71 से 80 वर्ष की 4 और 81 से 90 के बीच की 1 बुजुर्ग महिला ने इन दिनों अपनी जान गवाई है। वहीं लोकल रेल यात्रा के दौरान घायल होने वालों में कुल पुरुषों की संख्या 11 है। जबकि महिलाओं की संख्या 56 बताई जा रही है।

जीआरपी और आरपीएफ (GRP and RPF) की सख्तियों के बावजूद मध्य रेल के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में कुर्ला स्टेशन है। यहां के कुल 9 प्लेटफार्मों में 9 नंबर का प्रयोग देश कि बहुराष्ट्रीय तेल कंपनियों व टाटा पवार की लिए किया जाता है। एचपीसीएल, बीपीसीएल और टाटा पवार है यानि वर्मा सेल लाईन, जहां रेलवे के ट्राम्बे यार्ड भी है।

इसके आलावा प्लेटफार्म नंबर 8 हार्बर लाइन के लिए प्रयोग होता है। बाकि के 1 से 7 तक मध्य रेलवे की प्रमुख लेने हैं। इन सभी लाइनों पर सीसीटीवी के आलावा जीआरपी और आरपीएफ के जवान तैनात रहते हैं। ताकि अनहोनी को रोका जा सके। जीआरपी के वरिष्ठ अधिकारी वाल्मीक शार्दुल और आरपीएफ वरिष्ठ अधिकारी पांचूराम मीणा ने बताया की, सख्तियों के बावजूद लोग नहीं मानते।

अधिकारीयों के अनुसार कभी रेल यात्री तो कभी आम लोग और इस परिसर के गर्दुल्लों के कारण रेल पटरियों पर हमारी निगरानी रहती है। इस परिसर में फैंसिंग नहीं होने का लाभ ऐसे लोगों को मिलता है। हलांकि ऐसे लोगों को हमारी टीम द्वारा पकड़ने पर कार्रवाई की जाती है। ऐसे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बाद हम लोग उसे अदालत में भी पेश करते हैं, जहां से उन्हें राहत मिल जाती है।

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