दीदीजी फाउंडेशन ने 40 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान से किया सम्मानित

प्रहरी संवाददाता/जैनामोड़ (बोकारो)। सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन ने शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र उल्लेखनीय योगदान देने वाले 40 शिक्षकों को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया।

इस अवसर पर कार्यक्रम की शुरूआत पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जदयू नेता राजीव रंजन प्रसाद, पद्मश्री विमल जैन, सहायक कर आयुक्त जीएसटी समीर परिमल, कॉमनवेल्थ गेम में पावर लिफटिग में छह स्वर्ण पदक विजेता कीर्ति राज सिंह मौजूद थी। जिन्हें फूल, बुके एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।

यहां कार्यक्रम का संचालन दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापक डॉ नम्रता आनंद, विक्की, अजय अंबष्ट और शिखा स्वरूप ने की। इस अवसर पर डॉ नम्रता ने बताया कि डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर समाज का गौरव बढ़ाने वाले 40 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित करना मेरे गौरव की बात है।

उन्होंने बताया कि सम्मानित होने वाले शिक्षकों में प्रोफेसर महेन्द्र प्रसाद प्रजापति, डॉ अनिल कुमार सिंह, राज बहादुर अनुरागी, रवीन्द्र कुमार गुप्ता, सिकंदर शर्मा, वीरेन्द्र प्रसाद, सत्येंद्र प्रसाद, नीतू साही, शिवानी गौड़, कौशल कौशल, रश्मि सिन्हा, शिव कुमार, दिलीप कुमार, प्रभास कुमार, राजेश कुमार द्विवेदी, सुधीर वर्मा, आदि।

मधुरेन्द्र कुमार मधुप, सुदर्शन सिंह, सूर्यकांत गुप्ता, मनोज कश्यप, कमलेश प्रसाद सिंह, डॉ कुमारी वंदना, दिवाकर कुमार, चित्रलेखा कुमारी, मनोज कुमार, कुमकुम कुमारी, राजेश कुमार रोहन, हैप्पी श्रीवास्तव, नंदिता चक्रवर्ती, संगीता मिश्रा, संपन्न्ता वरूण, आलोक कुमार सिन्हा, रवि प्रकाश, परमिल कुमार, श्वेता रश्मि, असीम मिश्रा, श्रीकांत महुआर, पंकज सिन्हा, श्वेता सुमन, संजीव रंजन शामिल हैं।

शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह में जद यू नेता राजीव रंजन ने कहा कि शिक्षक समाज के ऐसे शिल्पकार होते हैं जो बिना किसी मोह के इस समाज को तराशते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक का काम सिर्फ किताबी ज्ञान देना ही नहीं, बल्कि सामाजिक परिस्थितियों से छात्रों को परिचित कराना भी होता है।

विमल जैन ने कहा कि गुरु जलते हुए दीपक की तरह स्वयं जलकर हमारी जिंदगियों में उजाला भरते हैं। भारतीय संस्कृति में गुरु का बहुत अधिक महत्व है। समीर परिमल ने कहा कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन 05 सितम्बर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाकर उनके प्रति सम्मान प्रकट किया जाता हैं। कीर्ति राज सिंह ने कहा कि शिक्षक हमारे मार्गदर्शक और हमारे व्यक्तित्व के निर्माता होते हैं। सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन हमें उच्च गुणों को आत्मसात कर एक आदर्श शिक्षक बनने की प्रेरणा देता है।

दीदीजी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि देश के पूर्व राष्ट्रपति, भारतीय संस्कृति के संवाहक, महान शिक्षाविद तथा भारत सरकार के सर्वोच्च सम्मान भारत-रत्न की उपाधि से विभूषित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए हर वर्ष उनके जन्म दिन 05 सितबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इस अवसर पर रूपाली दास टुंपा, दिवाकर कुमार वर्मा, राकेश, सुमित्रा राय, अश्विनी वर्मा और प्रवीण कुमार बादल ने गीत-संगीत का कार्यक्रम प्रस्तुत कर उपस्थित अतिथियों का दिल जीत लिया।

मौके पर विशिष्ट अतिथि गौरव राय, दीप श्रेष्ठ, राजेन्द्र यादव, सैय्यद शबीउद्दीन,भोला पासवान, डॉ अंजली, विनीता कुमारी, अखिलेश कुमार, संजीव कर्ण, मिथिलेश प्रसाद सिंह, चुन्नू सिंह, निरंतरा हर्षा, नियति सौम्या, मुकेश महान, रंजना कुमारी, प्रेम कुमार, सुधीर मधुकर, नेहा परवीन, रंजीत ठाकुर, मनीषा कुमारी, चंदा राज, सुचिता झा समेत कई गणमान्य मौजूद थे।

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