एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। बिहार की राजधानी पटना की सांस्कृतिक संस्था लोक पंच द्वारा 28 अक्टूबर को स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया गांधी मैदान के प्रांगण में नाटक साइबर क्राइम का मंचन किया गया। नाटक के निर्माता निर्देशक प्रसिद्ध रंगकर्मी, फिल्मकार तथा कलाकार साझा संघ के सचिव मनीष महीवाल हैं।
प्रस्तुत नाटक साइबर क्राइम का कथासार पति-पत्नी की नोक- झोंक से शुरू होता है। इस दौरान एक फोन आता है और ओटीपी माँगा जाता है। पत्नी उसे ओटीपी देने लगती है तो पति मना करता है, पर पत्नी ओटीपी दे देती है। बाद में बताती है कि मुझे मालूम है कि वह मेरे साथ फ्रॉड कर रहा था, पर मैंने उसे गलत ओटीपी दे दिया। मुझे मालूम है ओटीपी शेयर करने से नुकसान होता है। पत्नी कहती है कि हम गांव से आए हैं, इसका मतलब यह नहीं कि हम बेवकूफ है।
नाटक के अगले दृश्य में एक व्यक्ति अपने मित्र से बकाया पैसे मांगता है। इसी बातचीत के दौरान पता चलता है कि मित्र का फेसबुक अकाउंट किसी ने हैक कर रखा है। वह उसके मित्रों से पैसा मांग रहा है। ऐसी फेक और फ्रॉड साइबर क्राइम करने वाले से सावधान रहने की बात बताई जाती है। नाटक के अंतिम दृश्य में अनजान और फ्रॉड लिंक पर क्लिक करने का क्या परिणाम होता है, यह दिखाया गया है।
उक्त नाटक में गायक मोहम्मद रफी के गाए गीत बार-बार के तोहरे कमईयया चोरवा ना ले जाए, जागत रहा भैया तू सोए मत जइह को रखा गया है, जिसके माध्यम से जालसाज़ और साइबर अपराधियों से अपने धन को बचाने की बात कही जाती है। इसके अलावा और कई गीतों का नाटक में समय के अंतराल में इस्तेमाल किया गया है। कुल मिलाकर नाटक साइबर क्राइम को रोचक तथा समाज को सतर्कता की सिख दे रहा है।
प्रस्तुत नाटक के मंच पर कलाकार रजनीश पांडेय, अभिषेक राज, सहर्ष शुभम, अरबिंद कुमार, दीपा दीक्षित, सोनल कुमारी, अयोध्या गोप एवं मनीष महिवाल ने अभिनय किया है। जबकि मंच से परे नैपथ्य में नाल पर अयोध्या गोप, खंजरी अरविंद कुमार, प्रस्तुति नियंत्रक राम प्रवेश तथा लेखक व् निर्देशक मनीष महिवाल हैं।
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