प्यार के पर्व पर कोरोना प्रोटोकॉल का पहरा

वैलेंटाइन डे पर होगी मुंबई पुलिस की पैनी नजर

मुश्ताक खान/मुंबई। प्रेमियों का शुभ अवसर आगामी 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे (Vakantie day) के रूप में मनाए जाने कि खुशी है, वहीं दूसरी तरफ प्रेमियों में कोरोना प्रोटोकॉल का पहरा सताने लगा है। इन दोनों को एक साथ मैनेज करना प्रेमियों के लिए बड़ी चुनौती होगी।

क्योंकि मुंबईया प्यार के बुखार में युगल प्रेमियों को कोरोना से बचते हुए प्यार के इस त्यौहार का इजहार करना होगा। इसके प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए ही पार्टियों की भी तैयारियां करनी होगी।

ताकि कोरोना प्रोटोकॉल के दायरे में रहते हुए इस त्यौहार का भरपुर आनंद ले सकें। वर्ष 2021 में 14 फरवरी यानि वैलेंटाइन डे के दौरान कोरोना के बढ़ते मामलों के करण मुंबई पुलिस सख्त थी , लेकिन इस बार ओमीक्रोन्स (कोरोना) के मद्दे नजर मुंबई पुलिस की पैनी नजर होगी।

क्यों मनाते हैं वैलेंटाइन डे

दर असल ‘ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन’ नाम की पुस्तक के मुताबिक संत वैलेंटाइन नामक रोम के एक पादरी थे। जो दुनिया में प्यार को बढ़ावा देने में विश्वास रखते थे।

उनकी इस बात से वहां के राजा नाराज थे। पादरी के इस अपराध मे संत वैलेंटाइन को फांसी की सजा सुनाई गई। राजा ने संत वैलेंटाइन को 14 फरवरी 269 ई में फांसी पर चढ़वा दिया। उस दिन से हर साल इसी तिथि को ‘प्यार के दिन’ के तौर पर मनाया जाता है।

चूंकि संत वैलेंटाइन (Saint valentine) ने प्यार को जिंदा रखने के लिए यह कुर्बानी दी थी इसलिए हर वर्ष 14 फरवरी को उनकी याद मे वैलेंटाइन डे मनाया जाने लगा।

कहां से आई यह सभ्यता

रोम से आई इस सभ्यता को हाल के वर्षों में भरतीय प्रेमियों ने
इसे त्यौहार के रूप में अपना लिया है। इन्हीं कारणों से हर साल 14 फरवरी यानि वैलेंटाइन डे के दिन मुंबई पुलिस (Mumbai Police) सतर्क रहती है। इस वर्ष तो कोरोना का नई वेरियंट ओमीक्रोन्स भी कमो बेस है। इन्हीं कारणों से मुंबई पुलिस कि तरफ से वैलेंटाइन सेलिब्रेशन के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने पर जोर दिया जा रहा है।

क्या कहता है कोरोना प्रोटोकॉल

इस मुद्दे पर साई हॉस्पिटल के डॉ. आबिद सैयद के मुताबिक, कोरोना को 14 फरवरी या वैलेंटाइन डे की परवाह नहीं है, इसलिए सावधानी जरूरी है। ऐसे में अगर आप वैलेंटाइन डे मनाना ही कहते हैं तो कोरोना प्रोटोकॉल के दायरे में रह कर सेलिब्रेट करें।

क्योंकि यह संस्कृति और सभ्यता भारत की नहीं है। उन्होंने कहा कि वैलेंटाइन सेलिब्रेशन करने वाले इस सदी के युवकों को कोरोनाकाल के दो वर्षों को भी याद करना चाहिए। कितनो ने अपनों को गैर इंतजामी के कारण खोया है। इस लिए इस त्यौहार में अपने साथ -साथ दूसरों की जान की भी हिफाजत करें।

प्यार में उम्मीद खोने का समय नहीं

रिलेशनशिप एक्सपर्ट और मर्जी संस्था की सक्रिय सदस्य रिंकू लोखंडे के अनुसार, महामारी ने रिश्तों को बेहतर और बदतर दोनों तरह से प्रभावित किया है। इसने कुछ लोगों को अपने रिश्तों पर पूरा ध्यान देने का समय दिया है, तो वहीं बहुत से लोग रिश्तों से दूर चले गए हैं। यह महसूस करते हुए कि उन्हें जीवन से अलग चाहत की जरूरत है, या फिर अब पुराने रिश्ते की जरूरत नहीं।

ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें अनमैरिड कपल फिजिकल रिलेशन न होने की वजह से अलग हो गए। जो लोग डेटिंग कर रहे हैं, उनके लिए सवाल “प्यार में उम्मीद खोने” के बारे में है। उन्हें लग रहा है कि महामारी की वजह से क्या वे फ्यूचर (Future) में साथ रह पाएंगे कि नहीं ? एक-दूसरे के मूल्यों को समझने की कोशिश करें। जितना हो सके, सहयोग करें। पार्टनर पर किसी भी तरह के गिफ्ट और रिश्ते का दबाव न डालें।

क्या कहते हैं मुंबई पुलिस जोन 6 के डीसीपी

जोन 6 के डीसीपी कृष्णकांत उपाध्याय ने कहा कि हर बार की तरह इस बार भी मुंबई पुलिस अलर्ट है ,14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के मद्दे नजर सभी मुंबईकरों को कोरोना प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए ही इस त्यौहार को मनाना है।

प्यार के इस त्यौहार को अपने साथ -साथ दूसरों की जान की हिफाजत करते हुए सेलिब्रेट करें, वैलेंटाइन सेलिब्रेशन में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना हर नागरिक कि जिम्मेदारी है।

इसमें सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing), फेस मास्क लगाना, समय पर वैक्सीन लेना, सफाई आदि पर जोर देना शामिल है। प्रोटोकॉल का उलंघन करने वालों पर मुंबई पुलिस की नजर होगी, और उन्हें उसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

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