यूक्रेन में फंसे छात्रों को वापस लाने के प्रति गंभीर हो केंद्र सरकार-काशीनाथ

प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। झामुमो (JMM) के वरीय नेता काशीनाथ केवट ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भारत सरकार से अपील की है कि यूक्रेन (Ukraine) में फंसे हजारों भारतीय छात्रों को सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की मुहिम को तेज करे।

उन्होंने 2 मार्च को जगत प्रहरी से एक भेंट में कहा कि भारत के हजारो छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं, जिन्हे स्वदेश वापस लाने में सरकार द्वारा कोताही बरती जा रही है। समय रहते इन छात्रों को वहां से नहीं निकाला जा सका है। अब उन्हें युद्ध की काली छाया ने आ घेरा है।

एक भारतीय छात्र नवीन की खारकीव में हुई बमबारी में मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए हैं, जिनमें छात्रों ने भावुक होकर मोदी सरकार और भारतीय अधिकारियों से उनकी वापसी की व्यवस्था सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार (Central Government) को यह सोचना चाहिए कि अपने देश से मेडिकल की शिक्षा ग्रहण करने के लिए हजारों छात्र विदेशों की ओर रूख करने को विवश होते हैं, क्योंकि यूक्रेन आदि पूर्व समाजवादी देशों में मेडिकल शिक्षा (Medical Education) को भारी मात्रा में छूट प्रदान की जाती है।

शिक्षा पर पर्याप्त बजट खर्च किया जाता है। साथ ही वहां की शिक्षा, आवासीय सुविधा, भोजन आदि बेहद कम खर्चीली है। वहां की शिक्षा उच्च कोटि की है। दाखिले भी आसानी से हो जाते हैं।

बता दे कि रूस, यूक्रेन मध्य एशिया के देश और पूर्व समाजवादी देशों में मेडिकल की पढ़ाई बेहतर किस्म की है। वहां के मेडिकल इक्विपमेंट्स भी आधुनिकतम स्तर के हैं। उन्होने कहा कि भारत में डॉक्टरी कोर्स करने के लिए लगभग एक करोड़ रुपए तक खर्च होते हैं, जबकि इन समाजवादी देशों में पढ़ने, रहने, खाने का खर्चा कुल 25 से 30 लाख रुपए है।

केवल इतने रुपए में ही इन देशों से कोई भी योग्य छात्र मेडिकल की डिग्री प्राप्त कर सकता है। उन्होने केन्द्र सरकार से माँग की है कि अपने देश के भीतर भी मेडिकल छात्रों को सस्ती और उत्तम गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाय।

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