क्षेत्र में मनाया गया बौंडीपर्व,खस्सी,बेलवांरोटी व पीठा खाने का उठाया लुफ्त

अजित जायसवाल/पेटरवार(बोकारो)। झारखंड (Jharkhand) के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में मकर संक्राति (Makar sankranti) पूर्व बौंडी पर्व मनाये जाने की परंपरा पूर्वजों के जमाने से चलते आ रहा है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में तो इस त्योहार को खाने पीने व खुशियां मनाने का त्योहार के रूप में मान्यता दिया गया है। बोकारो जिला के हद मे पेटरवार प्रखण्ड अंतर्गत 23 पंचायत है। जिसमें अंगवाली उत्तरी, दक्षिणी, पिछरी उत्तरी, दक्षिणी, चलकरी उत्तरी, दक्षिणी, चांदो, पेटरवार, बुंडू, उत्तासारा,अरजुआ, चडगी, कोह, उलगड्डा, पतकी, सदमा, चिनियागड़ा, ओरदाना, चाँपी, खेतको, घरवाटांड, तेनुघाट, मायापुर आदि 23 पंचायतों में आधा दर्जन आदिवासी बहुल क्षेत्रों को छोड़ प्रायः ग्रामीण इलाकों में खस्सी, बकरा, मुर्गा या मछली खाने की प्रथा है। इसके साथ अरवा चावल की बेलवां रोटी व चावल गुंडी के पिठ्ठा बड़ी चाव से लोग पूरे परिवार के साथ खाने का लुफ्त उठाते हैं। दूसरे दिन यानि 14 जनवरी को प्रातः तड़के दामोदर नदी, खांजो, जोरिया, नहर, तालाव आदि विभिन्न जलाशयों में मकर संक्रांति स्नान करके दान-पुण्य करते हुए दही-चूड़ा, तिलकुट आदि का भी लुफ्त उठाते हैं। इसके लिये 13 जनवरी को ही सभी तैयारियाँ कर ली गयी है।

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