कोविड पेशेंट की सेवा में लगी आशा को पॉजिटिव होने पर सुधी लेने वाला नहीं-बंदना सिंह

निजी खर्च पर ईलाज कराना पड़ता है पोजिटिव हुए आशा को-तरन्नुम फौजी
एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। समस्तीपुर (Samastipur) के मोरदीबा स्थित कोविड पेशेंट भर्ती केंद्र में रोगी की सेवा में रात दिन लगी स्थानीय विशनपुर निवासी आशा कार्यकर्ता संगीता संगम जब खुद पॉजिटिव हो गई तो उसे खुद का ईलाज के लिए दर- दर की ठोकर खानी पड़ी। बतौर संगीता (Bataur sangeeta) उनके पॉजिटिव होने की खबर सुनने के बाद सहकर्मी एवं अधिकारी उनकी सुधी लेना तो दूर आवश्यक दवा लेने गये उनके बेटे को चाभी नहीं होने का बहाना बनाकर लौटा दिया। किसी तरह वे निजी अस्पताल में अपना ईलाज करा रही हैं। ये सिर्फ एक आशा कार्यकर्ता की नहीं बल्कि दर्जनों आशा कार्यकर्ताओं की कहानी है।
इस संबंध में बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (गोप गुट) के समस्तीपुर जिलाध्यक्ष तरन्नुम फैजी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में सबसे निचले पायदान पर आशा कार्यकर्ता कर रही है। बाबजूद इसके स्वास्थ्य विभाग में आशा कर्मी को दोयम दर्जे का स्वास्थ्य कर्मी समझा जाता है। हरेक जगह आशा कार्यकर्ताओं का शोषण किया जाता है। कोविड रोगी के सेवार्थ आशा कार्यकर्ताओं से काम लिया जाता है, लेकिन उनकी सुरक्षा का बिल्कुल ख्याल नहीं रखा जाता है। उनके लिए पीपीई किट, मास्क, ग्लोब्स, फेस शिल्ड समेत आवश्यक सामग्री तक उपलब्ध नहीं कराया जाता है। जब वे पॉजिटिव हो जाती हैं तो उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जब आवश्यक सामग्री आपूर्ति नहीं होने के एवज में आशा कार्यकर्ता काम से इनकार करती हैं तो बीसीएम एवं प्रभारी आदि उन्हें मौखिक धमकी के साथ लिखित सो-कॉज थमा देते हैं। यह अन्याय की पराकाष्ठा है। आशा कार्यकर्ता संघ इसका विरोध करेगी।
महिला संगठन ऐपवा के जिलाध्यक्ष बंदना सिंह ने कहा कि जिस आशा कार्यकर्ता के बदौलत स्वास्थ्य विभाग में कुछ ईलाज समेत आवश्यक कार्य हो रहे हैं उसकी अनदेखी बर्दाश्त करने लायक नहीं है। उन्होंने कोविड कार्य में लगे आशा कार्यकर्ता को पीपीई किट, मास्क, ग्लोब्स, फेस शिल्ड, काम का दोगुना राशि, पॉजिटिव होने पर सरकारी खर्चे पर संपूर्ण ईलाज, 50 लाख का बीमा, नियमित मानदेय आदि देने की मांग की है। ऐपवा जिलाध्यक्ष ने इस संबंध में एक लिखित रिपोर्ट आशा संघ के राज्य अध्यक्ष शशि यादव को पटना भेजकर संबंधित फोरम में मामले को उठाकर समाधान कराने की मांग भी की है।

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