एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर(बिहार)। समस्तीपुर शहर (Samastipur City) के मगरदही घाट स्थित भगत सिंह (Bhagt Singh) स्मारक स्थल पर 31 मार्च को शहीद कॉमरेड चंद्रशेखर उर्फ चंदू का शहादत दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। मौके पर बड़ी संख्या में आइसा के कार्यकर्ता जुटकर कॉ चंद्रशेखर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दो मिनट का मौन श्रद्धांजलि दिया।
कॉ चंद्रशेखर के शहादत दिवस पर सिवान के शहीद माले नेता कॉ श्याम नारायण यादव एवं भुवाली मियां को भी याद किया गया। तत्पश्चात एक संकल्प सभा का आयोजन किया गया।
संकल्प सभा में अपने अध्यक्षीय भाषण में आइसा समस्तीपुर जिला सचिव सुनील कुमार ने कहा कि 31 मार्च 1997 को सिवान में पार्टी के बिहार बंद का प्रचार करते वक्त सामंती-अपराधियों ने हमारे वीर साथी कॉ चंद्रशेखर को गोलियों से भून दिया था। अपने जीवन काल में शहीद कॉ चंद्रशेखर छात्रों के प्रिय नेता थे। वर्ष 1993 -1994 के दशक में वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली में आंदोलन चलाकर दलित एवं गरीब छात्रों के दाखिले एवं अन्य सुविधा दिलवाने का काम किया थे। पढ़ाई पूरी होने के बाद वे भाकपा माले से जुड़कर बिहार की सक्रिय राजनीति में काम करने लगे थे। 3 अप्रैल 1997 के बिहार बंद का भाकपा माले ने आह्वान किया था। उसी के प्रचार में चंद्रशेखर सिवान के जेपी चौक पर भाषण दे रहे थे। उनके बढ़ते कद से जिले में बाहुबलियों को खतरा महसूस हो रहा था। वे छात्र और नौजवानों के लोकप्रिय नेता के रूप में उभर चुके थे। वक्ताओं ने कहा कि आज चंद्रशेखर रहते तो देश में किसान आंदोलन को और मजबूती प्रदान करते। आज बिहार सरकार ने विधानसभा में पुलिस कानून पास दिया। जो भी व्यक्ति जनता के हक- अधिकार की बात करेगा उस पर यह कानून लगाया जायेगा।
मौके पर प्रिति कुमारी, मनीषा कुमारी, निधि कुमारी, मो० फरमान, मो० आरिफ, मो० जावेद, दीपक यादव, दीपक यदुवंशी, सुजीत कुमार, रौशन कुमार, राजू झा, गंगा प्रसाद पासवान, भाकपा माले नेता सुरेन्द्र प्रसाद सिंह समेत अन्य वक्ताओं ने सभा को संबोधित किया। सभा को संबोधित करते हुए प्रिति कुमारी ने सीबीआई जांच पूरी कर आरोपियों को सजा दिलाने की मांग की। आइसा नेत्री मनीषा कुमारी ने कॉ चंद्रशेखर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को छात्रों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग सरकार से की। आइसा नेता रौशन कुमार एवं मो० फरमान ने छात्र- युवाओं को रोजगार से वंचित करने वाली सरकार से इस्तीफे की मांग की। आइसा नेता गंगा प्रसाद पासवान ने कहा कि 23 मार्च से 31 मार्च तक जारी राष्ट्रीय युवा अधिकार दिवस पखवाड़े की समाप्ति की घोषणा की।
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