एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। चुनाव आयोग झारखंड में दुर्भावना से प्रेरित होकर राज्य में दो चरणों में विधानसभा चुनाव की घोषणा कर हरियाणा चुनाव दोहराना चाहती है।
उपरोक्त बातें 15 अक्टूबर की देर संध्या आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने कही। वे चुनाव आयोग द्वारा 288 सीट महाराष्ट्र में एक चरण में जबकि, झारखंड की 81 सीट के लिए दो चरण में चुनाव की घोषणा करने पर अपनी प्रतिक्रिया में उक्त बाते कही।नायक ने कहा कि चुनाव आयोग के हिसाब से 288 सीट 81 सीट से कम होती है, इसलिए महाराष्ट्र में एक चरण मे चुनाव और झारखंड में दो चरण मे चुनाव कराने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि कोई भी अनपढ़ मतदाता यह समझ सकता है कि दो चरण में चुनाव महाराष्ट्र में कराने की आवश्यकता है। क्योंकि वहां विधानसभा की सीट संख्या ज्यादा है। कहा कि जहां ज्यादा सीट होती है वही दो से तीन चरण में चुनाव कराए जाते है। जहां कम सीट होती है, वहाँ एक चरण में ही चुनाव संभव है। मगर महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन की सरकार है, इसलिए वहां येन-केन-प्रकरेण एक ही चरण मे चुनाव करा लेना है। जहां विपक्ष की सरकार हो वहां दो से तीन चरण में चुनाव कराने है। चाहे क्यों न सीट कम हो।
नायक ने बताया कि झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रथम फेज में 19 एसटी और दुसरे फेज मे 7 एसटी सीट का चुनाव होगा, और चुनाव कराने का अंतर एक सप्ताह का होगा जो काफी है, इधर से उधर करने के लिए। नायक ने चुनाव आयोग से मांग किया है कि वे झारखंड में भी एक ही चरण में चुनाव कराये। नही तो यह माना जायेगा कि चुनाव आयोग भेदभाव कर झारखंड में हरियाणा चुनाव की तरह घटनाक्रम को अंजाम देने का कार्य करेगी।
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