मांग-आपूर्ति के अंतर को पाटने के लिए उद्योग संघ द्वारा कार्यशाला आयोजित

कार्यशाला में विभिन्न सरकारी कार्यालयों एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधि हुए शामिल

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) ने आइपीई ग्लोबल लिमिटेड नई दिल्ली (एक अंतरराष्ट्रीय विकास क्षेत्र परामर्श संगठन) और झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (जेआईएडीए) के सहयोग से 30 मई को बियाडा सभागार में उद्योग प्रतिनिधियों के साथ एक कार्यशाला आयोजित किया गया।

जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जेएसएलपीएस ने झारखंड में DDU-GKY योजना के तहत राज्यव्यापी स्किल गैप एनालिसिस आयोजित करने के लिए आइपीई ग्लोबल लिमिटेड के साथ साझेदारी की है।

इस अध्ययन का उद्देश्य श्रम बाजार में कौशल की मांग और आपूर्ति में अंतर को समझना और अगले पांच वर्षों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अनुमानित नौकरी की आवश्यकताओं का अनुमान लगाना है। यह सार्वजनिक और निजी, औपचारिक और अनौपचारिक चैनलों, श्रम बल की भागीदारी, युवाओं की आकांक्षा, नए प्रवेशकों और मौजूदा मानव/कार्य बल दोनों की रोजगार क्षमता से मांग और आपूर्ति को समझकर किया जाएगा।

आयोजित कार्यशाला में बोकारो, धनबाद और गिरिडीह जिले से संबंधित सरकारी कार्यालयों के प्रतिनिधियों और विभिन्न उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला की शुरूआत बोकारो की उप विकास आयुक्त सह क्षेत्रीय निदेशक जियाडा कीर्तीश्री ने अपने स्वागत भाषण से किया।

साथ हीं सीओओ जेएसएलपीएस बिष्णु परिदा ने उद्घाटन भाषण दिया। वहीं, सलाहकार-प्लेसमेंट, औद्योगिक भागीदारी और जॉब फेयर समन्वय, जेएसएलपीएस सैदत्त मुक्तिकांत स्वैन ने परियोजना के दायरे और इच्छित परिणामों के बारे में जानकारी दी। इसके बाद उद्योग प्रतिनिधियों के साथ विभिन्न सत्रों की क्रमवार शुरुआत की गई।

कार्यशाला में एसोसिएट डायरेक्टर, आइपीई ग्लोबल गौरव वर्मा ने मानव बल की मांग और आपूर्ति में अंतराल और चुनौतियों, कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में उद्योग की भागीदारी, आउट-माइग्रेशन को कम करने के अलावा विविधता और समावेशन को बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं जैसे क्षेत्रों को कवर करने वाले बातों की जानकारी दी।

प्रतिभागियों ने अपने क्षेत्र के लिए विशिष्ट राज्य के श्रम और रोजगार की स्थिति, उद्योग में स्वचालन के प्रभाव और औद्योगिक क्रांति 4.0 के लिए तत्परता पर अपने विचार साझा किए।

उक्त कार्यशाला श्रम बाजार में कौशल की मांग और आपूर्ति के बेहतर संरक्षण को सक्षम करेगी साथ हीं उद्योग की आवश्यकता और राज्य में वर्तमान शैक्षिक और प्रशिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र के बीच अंतर को दूर करने में मदद करेगी।

उद्योग भागीदारों के सामने आने वाली चुनौतियों को समझकर, कार्यशाला झारखंड में युवाओं को बाजार से संबंधित कौशल से लैस करने के साथ साथ श्रम बाजार में उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने में सहयोग करेगी।

कुल मिलाकर यह जेएसएलपीएस को श्रम बाजार में अंतर को पाटने और राज्य में युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए प्रशिक्षण और कौशल पारिस्थितिकी तंत्र में एक आदर्श बदलाव लाने में मदद करेगा। जिससे उद्योग के साथ-साथ कुशल मानव बल की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।

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