गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। विश्व प्रजातांत्रिक प्रणाली की जननी बिहार के वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर अपनी बदहाली की आंसू खुद रोने को विवश है। सरकार (Government) के लाख दाबो के बाद भी वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर की हालत दिनोदिन बद से बदतर होता जा रहा है। सवाल उठता है कि शहर के इस बदतर हालत का आखिर जिम्मेवार कौन है? नगर परिषद या जिला प्रशासन।
ज्ञात हो कि, 12 अक्टूबर को वैशाली जिला अपने स्थापना का 50वां वर्षगाँठ मनाने जा रहा है। वहीं जिला मुख्यालय हाजीपुर शहर के आम नागरिक मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। हाजीपुर नगर परिषद गत 6 माह से प्रशासनिक अधिकारियों के हाथों में है, फिर भी सफाई के नाम पर हाजीपुर शहर की अधिकांश नाली ओर सड़के कीचड़ से बजबजा रही है।
सफाई के नाम पर एनजीओ (NGO) वाले लगभग 60 लाख रुपये प्रति माह डकार रहे है। परिषद कार्यालय में कार्यपालक पदाधिकारी और नगर परिषद प्रबंधक से भेंट होना मुश्किल है। उक्त पदाधिकारी हमेशा सैर पर रहते हैं। सफाई के नाम पर कुछ बड़े सरकारी पदाधिकारियों के मुहल्ले में सफाई की खानापूर्ति होती है। हाल यह है कि हाजीपुर शहर प्रशासनिक उदासीनता के कारण नरक बना हुआ है।
383 total views, 1 views today