एस. पी. सक्सेना/बोकारो। आत्मा बोकारो के द्वारा बीते 4 जुलाई एवं 5 जुलाई को प्राकृतिक खेती विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन जिला स्तर से ऑनलाइन लिंक के माध्यम से बोकारो जिले के सभी प्रखंडो के मुखिया के साथ किया गया।
जिसमें सभी ग्राम प्रधानों को जैविक खेती को लेकर ज़ोर देने को कहा गया। वहीं प्रोजेक्टर के माध्यम से खेती करने की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोकारो जिले के सभी नवनिर्वाचित मुखिया ने भाग लिया।
कार्यक्रम में हैदराबाद से आये प्रतिनिधि रवि सिंह चौधरी, डॉ दीपक पांडेय, जुबा एवं शंकर महतो ने उपस्थित मुखियाओं को जानकारी देते हुए कहा कि जैविक खेती की विधि रासायनिक खेती की विधि की तुलना में बराबर या अधिक उत्पादन देती हैं। साथ ही कहा गया कि जैविक खेती मृदा की उर्वरता व फ़सल की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक है।
कहा गया कि वर्षा आधारित क्षेत्रों में जैविक खेती की विधि और भी अधिक लाभदायक है। रासायनिक खाद का प्रयोग बिल्कुल न करें। अगर खाद का प्रयोग करना ही है तो जैविक खाद का प्रयोग करें। इससे भूमि की गुणवत्ता में सुधार आता है। साथ ही भूमि की जल धारण क्षमता भी बढ़ती है। साथ हीं पानी का वाष्पीकरण कम होता है। इसके अलावा भूमि के जल स्तर में वृद्धि होती हैं।
कार्यक्रम के संचालक राजन मिश्रा (उप परियोजना निदेशक आत्मा, बोकारो) द्वारा बताया गया कि अगले चरण में विभाग कि मदद से सभी प्रखंडो में ऑफ लाइन इसकी जानकारी दिया जायगा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला कृषि पदाधिकारी सह परियोजना निदेशक आत्मा बोकारो उमेश तिर्की एवं सभी प्रखंडों के बीटीएम, एटीएम एवं जिले के सभी मुखियाओं ने भाग लिया।
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