प्रहरी संवाददाता/बगोदर (गिरिडीह)। सरकार (Government) के लाख प्रयासों के बावजूद राशन की हेराफेरी थमने का नाम नहीं ले रहा है। शासन (Governance) ने राशन की कालाबाजारी और कार्ड धारकों को राशन कम देने की शिकायत पर ई-पॉस मशीन के माध्यम से वितरण शुरू कराया, ताकि लाभुको को ससमय राशन मिल सके। जनवितरण प्रणाली दुकानदारों ने इसमें भी खेल शुरू कर दिया।
जानकारी के अनुसार एक माह में कार्ड धारकों को दो बार राशन दिया जाना है, जिसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राशन निःशुल्क लाभुकों के बीच वितरण करना है। जबकि राज्य सरकार के द्वारा 1 रु० प्रति किलो अनाज दिया जाना है।
गिरिडीह जिला के हद में बगोदर प्रखंड में अजीबों गरीब मामला प्रकाश में आया हैं, जिसमें चौधरीबाँध पंचायत के मुखिया प्रतिनीधि प्रेमचन्द साहु ने बगोदर-सरिया अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन देकर कहा है कि बगोदर प्रखंड के कई जन वितरण प्रणाली दुकानदारों के द्वारा नवम्बर माह में राज्य सरकार (State government) (एनएफएसए) द्वारा गरीबों को दिए जाने वाले अनाज प्रखंड आपूर्ति संग्रालय से कई डिलरों द्वारा उठाव हुआ ही नहीं, लेकिन प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के शह पर डिलरों द्वारा ऑनलाइन ई-पॉस मशीन से वितरण कर दिया गया।
जिसकी जाँचोपरान्त कार्रवाई की मांग की गई है। आखिर सोचने वाली बात है कि जब गोदाम से अनाज मिला ही नहीं तो डिलरो के पास अनाज असमान से गिरा या धरती से उत्पन्न हुआ और गरीबों को वितरण भी कर दिया गया।
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