गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिले (Vaishali district) के नए जिलाधिकारी (डीएम) यशपाल सिंह मीणा को अभी योगदान दिए मात्र 15 दिन हुए हैं।
इस बीच जिलाधिकारी जिले के सुदूर प्रखंड पातेपुर और गंगा के दियारा क्षेत्र स्थित राघोपुर प्रखंड सहित लगभग सभी प्रखंड मुख्यालय का निरीक्षण कर चुके हैं। ये जिले के सम्भवतः पहले जिलाधिकारी हैं जो थाने का औचक निरीक्षण को भी पहुँच रहे हैं।
नए जिलापधाधिकारी मीणा की कार्य शैली की जहाँ जनता स्वागत कर रही है। वही सरकार के अन्य पदाधिकारियों में हड़कम्प मचा है। गत 2 वर्ष से पूर्व डीएम की कार्यशैली की वजह से जिला प्रशाशन में ज्वलंत व्याप्त भ्रष्टाचार जल्द खत्म होनेवाला नही है, आदि।
लेकिन नए जिला पदाधिकारी के आने के बाद भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी थोड़ा सहमे हैं। लालगंज प्रखंड के वसन्ता जहानाबाद पंचायत के आवास सहायक सहित तीन लाभुकों को प्रधानमंत्री आवास योजना का पैसा गवन करने के आरोप में जेल भेज दिया गया है।
जानकारी के अनुसार 25 मई को जिलाधिकारी मीणा ने राजपाकर प्रखंड के हरपुर हरदास मध्य विद्यलय का औचक निरिक्षण कर छात्रों के पठन पाठन के साथ ही विद्यालय की व्यवस्था का मुआयना किया। उन्होंने अधिकारियों और स्कूल के प्रधान शिक्षक को व्यवस्था में और सुधार लाने का निर्देश दिया। साथ ही स्कूल के बच्चों के लिये बने मध्यान भोजन खिचड़ी चोखा का जायका भी लिया।
नए जिलाधिकारी के सम्बंध में स्थानीय वकालत खाना परिसर हाजीपुर के एक समाज सेवी किसान मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष अधिवक्ता संजीव कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन में भ्रष्ट अधिकारियों, कर्मचारियों की संख्या यहां अधिक है।
समाहरणालय परिसर स्थित अनुमंडल न्यायालय सह उप समाहर्ता भूमि सुधार न्यायालय का सबसे बुरा हाल है। बिना पैसे का यहां काम होना मुश्किल है। एक अन्य अधिवक्ता ने बताया कि कार्यपालक दंडाधिकारी से शपथ पत्र बनवाने में प्रत्येक से 50 रुपया लिया जाता है।
यहां कार्यरत कर्मचारी, पदाधिकारी घुस लेना अपना अधिकार समझने लगे हैं। इन लोगो ने बताया कि डीएम को समाहरणालय परिसर स्थित कार्यालयों से भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिये, तभी व्यवस्था में कुछ सुधार नजर आयेगा।
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