बरवाबेड़ा रेलवे साइडिंग मे शव मिलने से सनसनी

परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

प्रहरी संवाददाता/बोकारो। बोकारो जिला के हद में सीसीएल बीएंडके क्षेत्र के खासमहल कोनार परियोजना स्थित रेलवे साइडिंग मे 9 फरवरी को शव मिलने के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गया। मृतक स्थानीय बरवाबेड़ा निवासी मो. कासीम का 32 वर्षिय पुत्र मो. इकबाल बताया जा रहा है। शव मिलने से चारो ओर अफरा-तफरी मच गई।

जानकारी के अनुसार यह खबर जैसे ही गांव पहुंची कि सैकड़ों की संख्या में महिला, पुरुष, बुढ़े, बच्चे घटनास्थल पर जमा हो गए। देखते ही देखते आक्रोशित ग्रामीणों ने खदान के साथ साथ आउटसोर्सिंग पेच को भी बंद कर दिया और शव को वही रखकर विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया। समाचार लिखे जाने तक स्थिति जस की तस बनी हुई है। वहीं सीसीएल प्रबंधन व् स्थानीय पुलिस प्रशासन की पहल पर वार्ता का दौर जारी था।

घटना के बाद मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। मृतक अपने पिछे पत्नी के अलावे तीन बच्चे छोड़ गया है। घटना के संबंध में ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक इकबाल लगातार हेवी बलास्टिंग का विरोध करता रहा था। इसे लेकर वह खदान के साथ साथ आउटसोर्सिंग पेच को भी बंद करवाने का काम करता था।

मृतक का कहना था कि बिना ग्रामीण रहिवासियों को हटाये सीसीएल प्रबंधन कोयला निकालने के क्रम में अधिक गति का विस्फोट करता है, जिससे गांव के दर्जनों घरो मे बड़े बड़े दरारे आ गई है। ग्रामीणों के अनुसार उसके इसी विरोध के कारण सीसीएल प्रबंधन ने इसके विरुद्ध कार्य में बाधा पहुंचाने का मामला भी दर्ज करवाया, जिस कारण उसे पूर्व में लगभग 4 घंटो तक हाजत की हवा खानी पड़ी थी।

रहिवासियों के अनुसार इस घटना के बाद मृतक मानसिक तनाव में रहने लगा था। बताया जाता है कि 9 फरवरी को भी वह आउटसोर्सिंग का खदान में बलास्टिंग के बाद काम बंद करवाने गया था। इसके बाद उसकी मौत की खबर आ गयी। मृतक के गांव बड़वाबेडा के रहिवासियों और परिजनों ने आउटसोर्सिंग कंपनी के साइड इंचार्ज पर सिधे सिधे हत्या का आरोप लगाया है।

इस संबंध में खासमहल कोनार परियोजना के आउटसोर्सिंग कंपनी बीकेबी के साइड इंचार्ज ने बताया कि घटना के संबंध में उन्हें मिली जानकारी के अनुसार इकबाल की मौत रेलगाड़ी से कट कर हुई है। ऐसे भी इस परियोजना मे आय दिन बंदी, हड़ताल, आंदोलन, धरना, प्रदर्शन आम बात है।

दुसरी तरफ उन्होंने बताया कि कोई भी आउटसोर्सिंग कंपनी किसी भी परियोजना में ठेका लेकर कार्य करती है। उसे इस बात से कोई लेना देना नहीं होता है कि खदान किस कारण बंद हो रहा है। साइड इंचार्ज के अनुसार पुरी सुविधा मुहैया करवाने का काम सीसीएल प्रबंधन की होती है। जब हालात बिल्कुल समान्य रहता है तभी प्राईवेट कंपनी ओबी हटाने का काम करती है। इस लिए उस पर लगाये गये सारे आरोप निराधार और बेमानी है।

दूसरी ओर घटना की सूचना पाते ही मौके पर भारी संख्या में स्थानीय थाने की पुलिस पहुंच गई और विधि व्यवस्था समान्य करने के अलावा आक्रोशित गांव वालो को समझाने में जुटी थी। घटना को लेकर स्थानीय रहिवासियों के साथ उक्त परियोजना के परियोजना पदाधिकारी का समझौता वार्ता जारी था।

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