एस.पी.सक्सेना/रांची(झारखंड)(Jharkhand)। केंद्रीय सरना समिति एवं अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद द्वारा 15 अक्टूबर को राज्यव्यापी चक्का जाम को लेकर चक्का जाम की पूर्व संध्या 14 अक्टूबर को मशाल जुलूस निकाला गया।
केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने इस अवसर पर कहा कि कल पूरे झारखंड प्रदेश में चक्का जाम रहेगा। 15 अक्टूबर को आदिवासी सरना कोड को लेकर सरना समाज विभिन्न जिलों में चक्का जाम करेंगे। सरना कोड की मांग को लेकर शहर से लेकर गांव तक आदिवासी अपनी संवैधानिक मांगों को लेकर आवाज बुलंद करेंगे। उन्होंने बताया कि विभिन्न सामाजिक संगठन के लोग भी चक्का जाम का समर्थन में सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने बताया कि आवश्यक सेवाएं प्रेस, दूध, एंबुलेंस, स्कूल बस आदि को चक्का जाम से मुक्त रखा गया है।
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के महासचिव सत्यनारायण लकड़ा ने कहा कि सरकार के द्वारा मॉनसून सत्र में सरना धर्म कोड बिल पारित नहीं करना राजनीतिक षड्यंत्र है। सरकार चाहती तो विशेष सत्र बुलाकर सरना धर्म कोड बिल पारित कर सकती थी। सरकार सरना कोड के नाम पर आदिवासियों को ठगने का काम किया है। आदिवासी जनता अब जाग चुकी है। आगामी वर्ष 2021 की जनगणना में यदि सरना कोड को लागू नहीं किया जाता है तो पूरे देश के आदिवासी राज्य से लेकर केंद्र सरकार की ईट से ईट बजा देंगे। महासचिव संजय तिर्की ने कहा कि 15 अक्टूबर को पांच राज्यों बंगाल, बिहार, झारखंड, उड़ीसा तथा असम में सरना कोड की मांग को लेकर आंदोलन किया गया है। मौके पर समिति के संरक्षक भुनेश्वर लोहरा, महासचिव संजय तिर्की, रांची जिला सरना समिति के अध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष, महिला शाखा के अध्यक्ष नीरा टोप्पो, सूरज तिग्गा, सुखवारो उरांव, ज्योत्सना भगत, किशन लोहरा, नमित हेंब्रम, प्रदीप लकड़ा, बाना मुंडा आदि उपस्थित थे।
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