हमारे अभिभावक थे अंतु बाबू-विधायक

अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सह चित्रगुप्त महापरिवार के संरक्षक को गणमान्य जनो ने दी श्रद्धांजलि
ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। तेनुघाट (Tenughat) अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सह चित्रगुप्त महापरिवार के संरक्षक कुमार अनंत मोहन सिन्हा (Kumar Anant mohan sinha) उर्फ अंतु बाबू हमारे अभिभावक थे। मैं अपनी जिंदगी की जो भी तकलीफ होती थी अपने परिवार को नहीं बता सकता था वह मैं अंतू चाचा को बताया करता था। वह मेरी समस्याओं का निदान करते थे। उक्त बातें बेरमो विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह में ऑनलाइन श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कही।
विधायक सिंह ने बताया कि स्व अंतु बाबू एक अच्छे अधिवक्ता के साथ साथ एक अच्छे समाज सेवी भी थे। उनकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है। आने वाले समय में उसकी भरपाई कर पाना बहुत मुश्किल है। झारखंड बार काउंसिल के चेयरमैन राजेंद्र कृष्णन कहा कि वह हमारे बड़े भाई के रूप में थे। वह सिविल के साथ-साथ क्रिमिनल मामले के भी बहुत अच्छे जानकार थे। कानून की समस्याओं का समाधान उनके पास था। पूर्व मंत्री चंद्रमोहन प्रसाद ने कहा कि अंतु बाबू हमारे एक अच्छे मित्र सा व्यवहार करते थे। उन्होंने वकालत की शुरुआत गिरिडीह से ही की थी। 1972 से वकालत की शुभारंभ किए थे। उसके बाद 1981 में तेनुघाट चले आए। वहीं पर वकालत कर रहे थे। वह पूरे तन मन से अपने काम को किया करते थे। कई मुकदमों को जीतने वाले अंत में मौत से हार गए। आज ना सिर्फ उनके परिवार को बल्कि हम सभी को उनकी यादें सताती रहेगी। तेनुघाट में ही नहीं गिरिडीह में उनके निधन पर लोगों ने उनकी आत्मा की शांति के लिए शोक सभा की।
दिवंगत कुमार अनंत मोहन सिन्हा के पुत्र वेंकट हरि विश्वनाथन उर्फ बन्बी ने का कहा कि उनके अधूरे काम को मैं पूरा करूंगा। मैं हमेशा आप लोगों से जुड़ा रहूंगा। जब कभी भी जरूरत हो मैं आप लोगों के पास जरूर पहुंचा करूंगा। उनकी पुत्री रीथी विश्वनाथन ने कहा कि वे एक अच्छे पिता के साथ-साथ एक कुशल समाजसेवी भी थे। मैं अपने पिता के पास अपनी समस्या रखती थी। उसका समाधान इस तरह निकालते थे कि मैं समझ नहीं पाती थी और हमारी समस्या दूर हो जाती थी। उनकी कमी तो खलेगी मगर मुझे उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास है मेरी मम्मी उस कमी को खलने नहीं देगी। इस दु:ख की घड़ी में आप सबों ने हमारे परिवार का जो साथ दिया उसके लिए मैं आप सभी का शुक्रगुजार हूं। कार्यक्रम को आयोजित कराने वाले चित्रगुप्त महापरिवार बोकारो के मार्गदर्शक संरक्षक जयशंकर जयपुरियार ने कहा कि अंतू बाबू के आकस्मिक निधन पर हम सभी काफी शोकाकुल हैं। हम लोग जब कभी भी तेनुघाट जाते थे तो लगता था कि हम लोग अंतू बाबू के पास जा रहे हैं। वे हम लोगों के स्वागत में कोई कमी नहीं रखते थे। हमेशा चित्रांश परिवार को उनकी कमी खलेगी और आने वाले समय में उसकी भरपाई कर पाना काफी मुश्किल है। रतन कुमार सिन्हा ने बताया कि हम हमेशा अपने सुख दुख में अंतु चाचा को याद करते थे और वह हमेशा हमारे पास आ जाया करते थे। आज पूरे चित्रगुप्त परिवार उनके आकस्मिक निधन पर शोकाकुल है। कार्यक्रम के शुभारंभ में उपस्थित सभी लोगों ने 2 मिनट का मौन धारण कर दिवंगत अधिवक्ता के आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की। ऑनलाइन कार्यक्रम का संचालन अरुण कुमार सिन्हा ने किया। कार्यक्रम को अनूप कुमार सिन्हा, मुकुल कुमार वर्मा, संजय कुमार सिन्हा, पंकज कुमार सिन्हा, विनोद सिन्हा, सुभाष कटरियार, बिट्टू सिन्हा, रजत नाथ, नितेश सिन्हा आदि ने भी संबोधित किया।

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