मुंबई। महानगर मुंबई (Mumbai) को पानी आपूर्ति करने वाली झीलों का स्टॉक 50% को पार कर गया है। मनपा (BMC) द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 18 जुलाई सुबह 6 बजे तक 735042 मिलियन लीटर पानी जमा हो गया था, जो कि कुल क्षमता का 50.78% है। हालांकि पिछले साल इस अवधि तक 10,92,207 मिलियन लीटर पानी जमा था।
खुशखबर यह है कि न्यूनतम जलस्तर के नीचे चली गई अपर वैतरणा में इस बार पर्याप्त पानी जमा हो चुका है और सप्लाई के आवश्यक स्तर से ऊपर पहुंच गया है। आगे अच्छी बारिश होने पर मुंबईकरों की पानी की चिंता मिट सकती है। हालांकि जनता से अब भी पानी को संभालकर खर्च करने की अपील की जा रही है।
आधा मॉनसून बीत चुका है, लेकिन राज्य की झीलों और बांधों में अब तक सिर्फ 22.54 प्रतिशत पानी ही जमा हो पाया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 37.32 प्रतिशत पानी था। राज्य जल संसाधन विभाग के मुताबिक, सबसे बुरी स्थिति विदर्भ और मराठवाडा की है। विदर्भ में 8.38 और पूरे मराठवाडा में केवल 0.78 प्रतिशत पानी ही जमा हो पाया है, क्योंकि इन दोनों क्षेत्रों में मॉनसून की बरसात बहुत ही कम हुई है।
मराठवाडा के दो बड़े बांधों नाथसागर और तेरना में पानी की स्थिति सोचनीय है। नाथसागर में केवल 0.9 प्रतिशत पानी जमा हुआ है और तेरना में अभी तक जल स्तर काफी नीचे है। जबकि पिछले साल इनमें क्रमश: 22.07 और 42.18 प्रतिशत पानी जमा था। उत्तर महाराष्ट्र के जलाशयों में सिर्फ 17.06 प्रतिशत पानी जमा हुआ है। सिर्फ पश्चिम महाराष्ट्र और कोकण में स्थिति संतोषजनक है। पश्चिम महाराष्ट्र के जलाशयों में 35 प्रतिशत और कोकण में 56.34 प्रतिशत पानी का स्टॉक है।
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