पार्टी में पहुंचे महाराष्ट्र के आईजी
मुंबई। पूर्वी उपनगर के पत्रकारों द्वारा आयोजित बाटी चोखा पार्टी का भव्य आयोजन कुर्ला पूर्व स्थित डीलक्स कंपाउंड में किया गया। नववर्ष से पूर्व बाटी चोखा पार्टी में थ्री पी के गणमान्यों ने अपनी माजूदगी दर्ज कराई। थ्री पी यानी पुलिस, पॉलिटिकल और प्रेस से जुड़े बड़ी संख्या में लोगों ने स्वादिष्ट भोजन का आनंद लिया। इस पाटी में विशेष रूप से महाराष्ट्र के आई जी कैसर खालिद, शिवसेना के विधायक मंगेश कुडालकर, आज तक से एजाज खान और एबीपी न्यूज से जितेंद्र दीक्षित आदि मौजूद थे।
गौरतलब है कि 2011 में बाटी चोखा पार्टी की शुरूआत टीवी 9 के पत्रकार आनंद पांडेय, इंडिया टीवी के सैय्यद एजाज, आज तक के एजाज खान, न्यूज 18 लोकमत के मनोज कुलकर्णी, जगत प्रहरी के मुश्ताक खान आदि के सहयोग से किया गया, यह पार्टी मानखुर्द के आरपीएफ पुलिस स्टेशन परिसर में रखा गया था। 2011 की पार्टी में मुंबई सहित उपनगरों के आला अधिकारियों के साथ- साथ बड़ी संख्या में नेता, अभिनेता और पत्रकार पहुंचे थे। 2011 की बाटी चोखा पार्टी को सभी ने सराहा क्योंकि इस पार्टी के जरीये एक दूसरे से मिलने का अवसर मिला।
मौजूदा 6वें बाटी चोखा पार्टी में महाराष्ट्र आई जी कैसर खालिद के अलावा अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (इर्स्टन रीजन) लक्मी गौतम, पुलिस मुख्यालय से डीसीपी सचिन पाटील, जोन 6 के डीसीपी शाहाजी उमप, जोन 7 के डीसीपी अखिलेश सिंह, जोन 12 के डीसीपी विनय राठौड, मुंबई पुलिस के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक देवराज, एसीपी जे. डी मोरे, एसीपी दिनेश देसाई व अन्य पुलिस अधिकारी इस स्नेह भोज में शामिल हुए। वहीं पॉलिटिकल गणमान्यों में मंगेश कुडालकर, कप्तान मलिक, सलीम शेख, अफरोज मलिक, पत्रकार एवं आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, आरटीआई कार्यकर्ता शकील शेख आदि मौजूद थे।
कैसे बना बाटी चोखा पार्टी का कांसेप्ट :
बात 2011 की है, मौसम बड़ा ही सुहाना था, कह सकते हैं कि मुंबई में गुलाबी सर्दी थी और शायद दिसंबर का महीना था। इस दिन कुर्ला स्टेशन परिसर में करीब 8 से 10 पत्रकार चाय की चुस्की ले रहे थे। यानी उस दिन खबरों का अभाव था, इसके बावजूद चाय की चुस्की के साथ-साथ सभी पत्रकार बंधु अपने -अपने तौर पर खबरों की तलाश कर रहे थे। कोई पुलिस से संपर्क कर रहा था, तो कोई पॉलिटिकल लोगों से वहीं मैं पत्रकार मित्रों से संपर्क कर रहा था। ताकि कोई बड़ी खबर मिल जाए। लेकिन कोई बड़ी खबर हाथ न लगी बावजूद इसके चर्चाओं का दौर जारी था।
इस दौरान पिकनिक के मुद्दे पर बात छिड़ गई। चाय की चुस्की ले रहे पत्रकारों में सभी ने अपनी अपनी राय रखी। इनमें कोई गोवा की तारीफ कर रहा था, तो कोई माथेरान और कशमीर की। इस बीच आनंद पांडेय ने कहा भाई हमारे गांव में बाटी चोखा का दौर चलता होगा, तो क्यों न हम लोग उत्तर भारत की बाटी चोखा के स्वाद से अपनी कर्मभूमि यानी महाराष्ट्र के लोगों को परिचित कराएं। इस मुद्दे पर हां-ना करते- करते नतीजा निकल ही आया। इसके बाद चार से 6 पत्रकारों ने तय किया और उसी दिन सभी ने अपने अपने संपर्क के आला अधिकारियों, नेताओं और पत्रकारों को बाटी चोखा पार्टी का निमंत्रण दे दिया। फिर क्या था जगह की भी मिल गया, और आननं- फानंन में सारी तौयारियां पूरी कर ली गई।
उस पार्टी में मुंबई डिवीज़न के रेलवे सीपी रवींद्र सिंघल और मौजूदा ठाणे के जॉइंट सीपी मधुकर पांडेय ने पत्रकारों की इस पार्टी का स्वागत के साथ-साथ सहयोग भी किया। इस तरह 2011 में बाटी चोखा पार्टी की शुरूआत हुई। इसके बाद पत्रकार मिलते गए और कारवां बनता गया। हालांकि 2011 की पार्टी में अनुमानित 100 लोग ही पहुंचे थे। लेकिन इस बार बाटी चोखा पार्टी में करीब 350 गणमान्यों ने अपनी मौजूदगी दर्ज करा कर पत्रकारों का हौसला बढ़ाया है। स्नेह भोज में पीटीआई से वरिष्ट पत्रकार आनंद मिश्रा, नवभारत के दयाशंकर पांडेय, संतोष पांडेय, प्रशांत अंकुशराव, समीर करणुक, प्रशांत बढे, पंकज गुप्ता, ताहीर बेग, राज पांडेय व सभी चैनल एवं प्रिंट मीडिया के वरिष्ठ पत्रकार शामिल हुए।
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