मुंबई। डेंगू ने एक 15 माह के मासूम की जान ले ली। कुर्ला के 15 महीने के एक दुध मुंहे बच्चे की उपचार के दौरान मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार डेंगू के लक्षण दिखने के बाद बच्चे को पास के ही एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। हालांकि स्थिति में सुधार आने की बजाय और भी बदतर हो गई, जिसके बाद उसे बीएमसी अस्पताल में ट्रांसफर किया गया। उपचार के दौरान 16 सितंबर को उसकी मौत हो गई।
बीएमसी से मिली जानकारी के अनुसार सितंबर महीने में डेंगू के 412 मामले सामने आए हैं, वहीं 12 लोगों की जान इस बीमारी के चलते जा चुकी है। मरने वालों में अधिकतर बच्चे और किशोर शामिल हैं। ऐसे में विशेषज्ञों ने बच्चों पर विशेष ध्यान देनी की अपील की है।
विशेषज्ञों ने बताया कि 10-20 साल के आयु वर्ग के लोग अधिकतर समय घर से बाहर रहते हैं। नतीजतन डेंगू के डंक का शिकार होने की संभावनाएं इनमें अधिक होती हैं। बीएमसी स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बाकी लोगों की तुलना में बेहद कम होती है।
ऐसे में जरा सी भी लापरवाही करने से बीमारी की जटिलता काफी बढ़ जाती है। बॉम्बे हॉस्पिटल के जनरल फिजिशन डॉ.अखिलेश शर्मा ने बताया कि बच्चों बूढ़ों और गर्भवती महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में इन लोगों में बीमारी के जरा सा भी लक्षण दिखने पर तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए।
3721 संभावित डेंगू के मामले
महानगर में मच्छरों का आतंक बढ़ रहा है। मिली जानकारी के अनुसार 1-30 सितंबर के बीच मुंबई में बुखार के कारण 3721 लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया। इन सभी मरीजों को संभावित डेंगू के बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था। हालांकि, जांच के बाद 412 मामलों में डेंगू की पुष्टि की गई। आंकड़ों के अनुसार डेंगू से 12 और लेप्टो से 3 लोगों की मौत सितंबर में हुई है।
291 total views, 2 views today