हाजत में कथित हत्या मामले की हो न्यायिक जांच-सुरेन्द्र
एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। समस्तीपुर जिला (Samastipur District) के हद में दलसिंहसराय थाना हाजत में जितवारपुर हकीमाबाद खराज निवासी मो. गुलाब की आत्म हत्या मामले की संपूर्ण जांच के लिए मृतक के घर 30 जुलाई की सुबह भाकपा माले की 5 सदस्यीय टीम पहुंची।
टीम में मुख्य रूप से भाकपा माले समस्तीपुर जिला सचिव प्रो. उमेश कुमार, जिला कमिटी सदस्य सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, ललन कुमार, राजकुमार चौधरी, स्थानीय माले नेता सह पंसस मो० ऐनुलहक शामिल थे।
जानकारी के अनुसार माले टीम के पहुंचते ही बड़ी संख्या में स्थानीय रहिवासी मृतक के घर पहुंचे। माले टीम ने स्थानीय रहिवासियों के अलावे मृतक के पिता मो. अशफाक अंसारी, माता जैनुल खातुन, चचेरे भाई मो. मेराज आदि से घटना के संबंध में पूछताछ की।
मृतक के चचेरे भाई मो. मेराज ने जांच टीम को बताया कि उनके भाई की शादी करीब 5 साल पूर्व दलसिंहसराय के चक नवादा के मो. सुलेमान की पुत्री गुलिक्शा परवीन से हुई थी। बाद में पति- पत्नी में संबंध खराब हो गया। इसे लेकर महिला थाना में मुकदमा भी चल रहा था।
उन्होंने बताया कि मृतक दवा डिलीवरी किया करते थे। बीते 28 जुलाई को वे दलसिंहसराय क्षेत्र में दवा डिलीवरी कर रहे थे, इसी दौरान पहले से पीछा कर रहे दो युवकों ने उनके ससुराल खबर देकर कुछ युवकों को बुलाया और दलसिंहसराय के दीपक चौधरी के बंद पड़े पेट्रोल पंप से उसकी पिटाई करते उसे ससुराल ले गये। वहाँ भी उसकी पिटाई की गई।
मो. मेराज ने बताया कि मृतक के चीखने- चिल्लाने पर स्थानीय रहिवासियों द्वारा बीच – बचाव कर उसे दलसिंहसराय अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने मो. गुलाब एवं देखने आये उनके दो संबंधियों को थाना लाई, जहाँ 16 हजार रूपये नजराना लेकर दोनों संबंधी को छोड़ दिया गया।
मृतक गुलाब के पिता ने बताया कि उन लोगों को 28 जुलाई की दोपहर 2 बजकर 58 मिनट पर दलसिंहसराय थाना से फोन कर मो. गुलाब के बीमार होना बताकर अनुमंडल अस्पताल में भर्ती होना बताया गया। जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो मो. गुलाब की मृत्यु हो चुकी थी। उसके दोनों हाथ टूटे हुए थे।
कान में तेजाब डाला हुआ था। थाना पर लाकर मृतक द्वारा हाजत में 12 बजकर 18 मिनट पर खुदकुशी करना बताकर धुंधली सीसीटीवी फुटेज दिखाया गया, जबकि उसके शरीर पर अमानवीय व्यवहार के संकेत स्पष्ट दिख रहे थे।
मृतक की माता जैनुल खातुन ने रोते- विलखते बताई कि हाजत में रस्सी कहाँ से आई और आई भी तो इतनी छोटी रस्सी से कोई आत्महत्या कैसे कर सकता है। उनके बेटे की हत्या कर शव को लटकाया जा सकता है। इसकी उच्च स्तरीय जांच हो।
मौके पर उपस्थित माले जिला सचिव प्रो. उमेश कुमार ने इस मामले को संदिग्ध बताते हुए इसे हाजत में हत्या करार दिया। माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने इस घटना के लिए थानाध्यक्ष कुमार ब्रजेश को जिम्मेवार बताते हुए उन पर 302 का मुकदमा दर्ज करने, आदि।
मृतक के परिजनों को 20 लाख रूपये मुआवजा देने, घटना की न्यायिक जांच कराकर तमाम दोषियों पर कार्रवाई करने को लेकर आंदोलन चलाने की घोषणा की।
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