सामयिक परिवेश के स्थापना दिवस पर कवि सम्मेलन सह होली मिलन समारोह

एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। सामयिक परिवेश पत्रिका का शानदार वार्षिक आयोजन 16 मार्च को लिट्रा पब्लिक स्कूल पाटलिपुत्र पटना में प्रधान संपादक ममता मेहरोत्रा और सामयिक परिवेश परिवार की ओर से बेहतरीन आयोजनों के साथ संपन्न हो गया।

अपने नाम के अनुरूप फाल्गुन के पावन महीने में सामयिक परिवेश के सतरंगी फुहारों से पुरा देश मानो झूम उठा। मौका था सामयिक परिवेश पत्रिका के स्थापना दिवस समारोह एवं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन सह होली मिलन समारोह का।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अंतर्राष्ट्रीय (International) गजलकार कासिम खुर्शीद थे। कार्यक्रम का प्रारंभ सर्वप्रथम डॉ सुधा सिन्हा ने सरस्वती वंदना से आगाज किया। स्वागत गीत अनिता मिश्रा सिद्धि ने प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय संपादक श्याम कुंवर भारती ने स्वागत भाषण के बाद शानदार देवी गीत गाकर उपस्थित श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।

आयोजन के दौरान प्रधान संपादक ममता मेहरोत्रा और मनीष कुमार द्वारा सामयिक परिवेश के वेबसाइट की विधिवत शुरूआत की गयी, जिसके तहत सामयिक परिवेश से जुड़े साहित्यकारों को हरसंभव सहायता देने की घोषणा की गयी। यहां अशोक कुमार सिन्हा ने अतिथीय भाषण और भविष्य हेतु सामयिक परिवेश की योजनाओं पर प्रकाश डाला।

उद्घघाटन सत्र का संचालन श्वेता मिनी और कवि सम्मेलन का संचालन रजनी प्रभा ने किया। श्वेता मिनी ने बेहतरीन गज़ल भी प्रस्तुत किया। बिहार राज्य प्रभारी प्रीतम कुमार झा और झारखंड के उप संपादक नितेश सागर द्वारा दी गयी प्रस्तुति ने जनसमूह को झूमने पर विवश कर दिया। सभी कलमकारों, कवियों और प्रस्तोताओं को सम्मानित भी किया गया।

कार्यक्रम (Program) में लिट्रा पब्लिक स्कूल के छोटे बच्चों द्वारा बेहतरीन प्रस्तुति भी हुई। धन्यवाद ज्ञापन प्रीतम कुमार झा ने किया।
इस अवसर पर अनेक राज्यों से आये कवियों और कवयित्रियों ने होली गीत, कविताओं और ग़ज़लों से अद्भुत माहौल बना दिया।

राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सुधीर श्रीवास्तव (उत्तरप्रदेश), किरण राज (झारखंड), जतिन कुमार मंडल (झारखंड), तारकेश कुमार ओझा (पश्चिम बंगाल), गोपाल लोधा (पश्चिम बंगाल), रजनी प्रभा (बिहार), पूनम यादव (बिहार), डॉ मीना कुमारी परिहार पटना, बबिता कुमारी (बिहार), डॉ रूबी भूषण पटना, डॉ नीतू नवगीत पटना, सत्येन्द्र कुमार के अलावा अन्य कलाकारों ने अंत -अंत तक श्रोताओं को झूमाया- नचाया और भावविभोर कर दिया।

एक-दूसरे को अबीर – गुलाल लगाकर और छक कर विभिन्न पकवानों आनंद लिया। कार्यक्रम में प्रसिद्ध लेखक आलोक धन्वा भी विशेष रूप से उपस्थित थे।

बताते चलें कि आने वाले समय में भारत के अलावा विदेशों में भी सामयिक परिवेश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के क्रम में आयोजन संपादित कराने पर क्रियान्वयन की रुप रेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

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