झारखंड सरकार विस्थापितों के मामले में करें हस्तक्षेप

झारखंड सरकार की छवि धूमिल कर रहा है बीएसएल प्रबंधन-शाहिद रजा

प्रहरी संवाददाता/कसमार (बोकारो)। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) से बोकारो विस्थापित अपरेंटिस संघ का एक प्रतिमंडल शाहिद रजा के नेतृत्व में मिला। विस्थापित अप्रेंटिस संघ नियोजन की मांग को लेकर लगातार आंदोलन करता आ रहा है।

विगत दिनों झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बोकारो आना हुआ था। जिस क्रम में मुख्यमंत्री ने बोकारो उपायुक्त को आदेश दिया था, कि विस्थापित अपरेंटिस संघ से जुड़े सभी मामलों की जांच कर एक विस्तृत रिपोर्ट बनाई जाए।

बोकारो के उपायुक्त (Bokaro Deputy Commissioner) द्वारा 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। जिसे रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। जिसमें डीपीएलआर निदेशक, एसडीओ (SDO) समेत विशेष भू अर्जन पदाधिकारी शामिल थे।

रिपोर्ट में यह साफ दर्शाया गया है कि बोकारो स्टील प्रबंधन द्वारा 1500 विस्थापितों को अप्रेंटिस ट्रेनिंग कराने की बात कही गई थी, जो कई सालों से विलंब चल रही है। डीपीएलआर के माध्यम से लगातार कई बार बोकारो स्टील प्रबंधन को विस्थापितों को नियोजन देने की बात कहीं गई, लेकिन प्रबंधन इस मामले पर हमेशा मौन रहा।

सेल चेयरमैन सोमा मंडल अभी झारखंड के दौरे पर है। झारखंड के मुख्यमंत्री और सेल चेयरमैन लगातार कई बार मिल चुके हैं, फिर भी विस्थापित मामलों में अब तक कोई भी विशेष पहल नहीं हुई। जिसके कारण विस्थापित अपरेंटिस संघ ने अपना एक मांग पत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सौंपा।

जिसमें मुख्य मांगे इस प्रकार है ट्रेनिंग पूरा कर चुके विस्थापित अपरेंटिस अभ्यार्थियों को की सीधी बहाली की जाए, पूर्व की भांति विस्थापितों की उम्र सीमा की बाध्यता को खत्म किया जाए। प्रतिनिधिमंडल में एनएच निजामी, दुर्गा महतो, रवि और किशोर मौजूद थे।

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