विजय कुमार साव/गोमियां (बोकारो)। झारखंड की राजधानी रांची स्थित राजभवन पर आयोजित महापड़ाव को लेकर आंदोलनकारी इफ्तेखार महमूद ने बोकारो जिला के हद में गोमियां प्रखंड के विभिन्न गावों में जनसंपर्क अभियान चलाया। महमूद ने आगामी 26 नवंबर को महापड़ाव में शामिल होने की रहिवासियों से अपील की।
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं किसान संगठनों की बीते 23 से 24 अगस्त को दिल्ली में संपन्न संयुक्त सम्मेलन के फैसले के अनुपालन में आगामी 26 नवंबर को देशभर के राजभवनों के समक्ष मजदूरों और किसानों का आयोजित महापड़ाव की तैयारी के लिए ठेकेदार मजदूर यूनियन (एटक) के महासचिव एवं झारखंड आंदोलनकारी इफ्तेखार महमूद ने गोमियां प्रखंड के हद में गांव-गांव में 20 नवंबर को जनसंपर्क चलाया। उन्होंने रहिवासियो को महापड़ाव के उद्देश्यों की जानकारी दी।
गोमियां प्रखंड के हद में हुरलूंग, छोटकी सीधाबारा, मंगरो, दवार, सियारी आदि गांवों के रहिवासियों को संबोधित करते हुए महमूद ने कहा कि सिर्फ मोटा अनाज ही नहीं, बल्कि दवाइयों, कपड़ों, पेट्रोलियम उत्पादों और रसोई गैस के दाम काफी बढ़ा दिए गये हैं। कहा कि कोविड के बहाने वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, विकलांगों और खिलाड़ियों का रेलवे के भाड़ा में रियायत बंद कर दी गई। रियायत को अभी तक पुण: लागु नहीं किया गया।
महमूद ने कहा कि रसोई गैस के दाम को बढ़ाते बढ़ाते 11 सौ रुपया करके अल्प आय वाले आमजनों को रसोई गैस से वंचित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव के मौके पर 550 रुपया में रसोई गैस देने की मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री द्वारा घोषणा की जाती है।
भाजपा की केंद्र सरकार देश की संघीय ढांचा खत्म करने तथा विभाजनकारी धार्मिक उन्माद फैलाने का काम लगातार कर रही है। नौ साल बाद भी नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बल्कि भाजपा के नेता की भूमिका में अधिक दिखाई पड़ते है। अगामी 26 नवंबर को रांची राज भवन के समक्ष आयोजित महापडाव में शामिल होने के लिए उन्होंने रहिवासियों से अपील की।
जनसंपर्क अभियान में सोमर मांझी, देवानंद प्रजापति, अनवर रफी, साहब राम मांझी, दसई रविदास, हीरालाल किस्कु, नरेश मुर्मू, बंधन महतो, कलामुद्दीन अंसारी, सुभाष मांझी, राजेश करमाली, मोहम्मद साकिब आदि मुख्य रूप से शामिल थे।
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