किसान महासभा व् माले टीम ने मधुमक्खी पालकों से मिलकर समस्याओं को जाना
महासभा मधुमक्खी पालकों को उचित कीमत दिलाने को लेकर करेगी संघर्ष-सुरेन्द्र
एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। मधुमक्खी पालकों को नहीं मिल रहा है मधु का उचित मूल्य। मधुमक्खी पालक किसान अपने उत्पाद को सिर्फ 65 रू० प्रति लीटर मधु बेचने को मजबूर हैं।
यह हाल है समस्तीपुर जिला के हद में ताजपुर ल्र्कि के सरसौना वार्ड-10 के मधुमक्खी उत्पादक किसानों का। इसके अलावा समस्तीपुर जिले के अन्य जगहों का भी यही हाल बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार मधु उत्पादकों के आग्रह पर भाकपा माले की टीम मनोज कुमार राय, बैजनाथ राय आदि ने ताजपुर प्रखंड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में 18 मार्च को क्षेत्र का भ्रमण कर मधुमक्खी पालक किसानों का हालचाल जानने का प्रयास किया।
किसान उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि वे सरायरंजन के गंगापुर में भी मधुमक्खी पालते हैं। उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि इस कार्य के लिए जगह, बक्सा, ड्राम, मशीन, कंटर, मच्छरदानी समेत अन्य महंगे उपकरण खरीदना पड़ता है।
करीब 100 बक्से पर 3-4 आदमी को नियमित कार्य करना पड़ता है। बाबजूद इसके बाजार के आभाव में इसे निजी पैकार के हाथों 65 रूपये किलो बेचना पड़ रहा है। किसान के अनुसार मधु पालन बिल्कुल घाटे का सौदा है।
जीविका से जुड़ी महिला सविता सिंह बताती है कि जीविका द्वारा मधुमक्खी पालन में लोन, उपकरण देने में कुछ सहायता की गई है, लेकिन उत्पाद खरीदने का बेहतर व्यवस्था नहीं होने का दंश उत्पादकों को झेलना पड़ता है। इसी तरह किरण कुमारी, कंचन कुमारी, रेणू कुमारी, नीता देवी आदि बताती है कि सरसों के सीजन में मात्र 65 रूपये लीटर मधु बेचना पड़ा।
इससे मधुमक्खी उत्पादक किसानों का कमर टूट गया है। अब लीची, आम, सहजन, जामून आदि का मधु भी 100 के अंदर ही बिकने की संभावना है। कहा गया कि अगर सरकार ध्यान नहीं देगी तो उन्हें यह काम बंद करना ही पड़ेगा।
इस अवसर पर भाकपा माले प्रखंड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने उपस्थित किसानों को मधुमक्खी पालकों की समस्या को उचित फोरम पर उठाने का आश्वासन दिया। अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सचिव ललन कुमार ने कहा कि किसानों की समस्या को स्मार-पत्र, अधिकारियों से मिलकर उठाने समेत किसानों को एकजुट कर आंदोलन चलाने की जरूरत है।
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