प्रहरी संवाददाता/तेनुघाट (बोकारो)। सरकार (Government) द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के मामले में तानाशाही रवैया अपनाने के विरुद्ध आगामी 25 नवंबर से अखिल भारतीय किसान सभा की ओर से पदयात्रा किया जाएगा। इस आशय का निर्णय बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में तुलबूल में देवानंद प्रजापति की अध्यक्षता में किसानों की संपन्न बैठक में लिया गया।
इस अवसर पर आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी राज्य कार्य समिति के सदस्य इफ्तेखार महमूद ने कहा कि आगामी 25 नवंबर को किसानों का राष्ट्रव्यापी आंदोलन का एक वर्ष पूरा हो जाएगा।
इस एक साल में देश के लाखों किसान जाड़ा, गर्मी, बरसात सड़कों पर बैठे रहा। होली, दिवाली, ईद, बैसाखी सभी त्योहार सड़कों पर ही गुजर गया। लेकिन भाषणों में भावुक हो जाने वाले प्रधानमंत्री किसान आंदोलन के क्रम में 600 किसानों की जान चले जाने से भावुक नहीं हुए।
बल्कि उनके सहयोगी अन्नदाताओं को सबक सिखाने और खालिस्तानी-पाकिस्तानी घोषित करने का काम करते रहे हैं।
महमूद ने कहा कि भाजपा को सिर्फ और सिर्फ सत्ता चाहिए, देशवासियों की बिगड़ती आर्थिक हालत की उसे कोई चिंता नहीं है।
महमूद ने कहा कि हाल के उप चुनाव में जब झटका लगा, तो पेट्रोल डीजल के दामों में 5-10 रुपया की न सिर्फ कटौती हुई, बल्कि नित्य प्रति दाम बढ़ना भी रुक गया। भाकपा नेता ने चीन द्वारा अरुणाचल, हिमाचल के इलाका में चीन के घुसपैठ से प्रधानमंत्री का इनकार को देश के साथ झूठ बोलने का आरोप लगाया।
बैठक को किसान सभा के नेता मौजी लाल महतो तथा आदिवासी महासभा के जिला सचिव सोमर मांझी ने भी संबोधित किया। बैठक में डेगलाल महतो, बालगोबिन्द महतो, बद्री मुंडा, सुरेश प्रजापति, टेकलाल महतो, मोहन महतो, नागेश्वर महतो, निरंजन महतो, खुर्शीद आलम, साबिर अंसारी, गेंदों केवट, राजेश करमाली, सुफेन्द्र सोरेन, मकुन्द साव मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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