अष्टधातु की 11 फीट ऊंची हनुमान मूर्ति बनकर तैयार, होगी स्थापना-अनिल सिंह गौतम
अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। अक्षय तृतीया एवं भगवान परशुराम की जयंती के अवसर पर बीते 30 अप्रैल को सारण जिला के हद में सोनपुर स्थित लोक सेवा आश्रम परिसर में श्रीराम भक्त महावीर (हनुमानजी) मंदिर का निर्माण का कार्य आरंभ किया गया।
इससे पूर्व आश्रम के महंत एवं बिहार प्रदेश उदासीन महामंडल के अध्यक्ष संत विष्णु दास उदासीन उर्फ मौनी बाबा एवं आश्रम के भक्त अनिल सिंह गौतम ने निर्माण स्थल पर विधिवत पूजा अर्चना की। मौनी बाबा के अनुसार इस मंदिर निर्माण पर लगभग चार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। मंदिर के गर्भ गृह में लगभग 11 फीट ऊंचे अष्ट धातु से निर्मित बजरंगबली की प्रतिमा की स्थापना होगी।
बिहार प्रदेश उदासीन महामंडल के अध्यक्ष व लोक सेवा आश्रम के महंत संत विष्णुदास उदासीन उर्फ मौनी बाबा ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि उनकी छत्रछाया में आश्रम के परम भक्त प्रसिद्ध समाजसेवी अनिल सिंह गौतम के द्वारा हनुमान मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि महावीर हनुमान जी की मूर्ति का निर्माण भी अनिल सिंह गौतम के द्वारा ही कराया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि आश्रम में स्थापित लोक ख्याति प्राप्त सूर्य एवं शनि मंदिर का निर्माण भी भक्त गौतम ने ही कराया है।
जानकारी के अनुसार उक्त मंदिर निर्माण का कार्य भुवनेश्वर (उड़ीसा) के वास्तुकारों ने शुरु किया है। मंदिर का निर्माण उड़ीसा वास्तुकला की तर्ज पर होगा। इस संबंध में प्रसिद्ध समाजसेवी एवं भक्त अनिल सिंह गौतम ने कहा कि महावीर बजरंग बली की मूर्ति डेढ़ साल में बनकर तैयार हुआ है। इस मूर्ति का वजन लगभग ढ़ाई टन है, यानि लगभग 18 क्विंटल मूर्ति का वजन है। बताया कि मूर्ति निर्माण पर लगभग 36 लाख रुपए खर्च आए हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण का कार्य लगभग डेढ़ साल में पूरा होने की संभावना है। निर्माण पर लगभग चार करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है। इसमें मंदिर के गुंबज निर्माण पर होनेवाला खर्च भी शामिल है। अभी गुंबज का डिजाईन तैयार हो रहा है।
विदित हो कि उड़ीसा के ही शिल्पकारों ने सूर्य एवं शनि की मूर्ति का निर्माण किया था। यहीं के वास्तुकारों ने मंदिर का निर्माण किया था। बजरंग बली की मूर्ति का निर्माण भी उड़ीसा के ही उन्हीं शिल्पकारों ने किया है, जिन्होंने सूर्य और शनि की मूर्तियों का निर्माण किया। मंदिर निर्माण का कार्य कर रहे वास्तुकार लिंग राज ने बताया कि मंदिर निर्माण उड़ीसा वास्तुकला के तर्ज पर किया जा रहा है। बताया कि लगभग डेढ़ साल में मंदिर निर्माण कार्य पूर्ण होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि बिहार एवं झारखंड में इतनी बड़ी मूर्ति अष्टधातु की अन्यत्र और कहीं नहीं है।
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