राज्य के सर्वांगीण विकास में है तकनीकी शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका-सुमित कुमार सिंह
अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। बिहार के विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुमित कुमार सिंह ने 13 दिसंबर को सारण जिला के हद में हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के स्टॉल का उद्घघाटन किया।
इस अवसर पर विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह एवं वरीय पदाधिकारियों के साथ अनुमंडल पदाधिकारी सोनपुर भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर मंत्री सिंह ने कहा कि विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के अंतर्गत दो प्रक्षेत्र-यथा तकनीकी शिक्षा तथा वैज्ञानिक शोध एवं सेवाएं है। उन्होंने कहा कि राज्य के सामाजिक आर्थिक एवं सर्वांगीण विकास में तकनीकी शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है।
तकनीकी शिक्षा में उत्कृष्ट एवं दक्ष कोटि के मानव संसाधन का विकास किये जाने के लिए यह आवश्यक है कि राज्य के तकनीकी संस्थानों की शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करते हुए उद्योग की मांग के अनुरूप समाज के सभी वर्ग के छात्रों को गुणवत्तायुक्त तकनीकी शिक्षा का अवसर सुलभतापूर्वक उपलब्ध कराया जाय।
उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए राज्य सरकार द्वारा राज्य के सभी 38 जिलों के लिए अभियंत्रण महाविद्यालय तथा पोलटेक्निक संस्थान स्थापित किए जा चुके हैं। उद्योग की मांग के अनुरूप नये एवं उभरते विधाओं में तकनीकी पाठ्यक्रमों को आरंभ किया गया है।
इसके अतिरिक्त सभी संस्थानों में प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सेंटर ऑफ एक्सेलेंस की स्थापना की कार्रवाई की जा रही है। वैज्ञानिक शोध एवं सेवा के अंतर्गत बिहार कॉउन्सिल ऑन साईन्स एण्ड टेक्नोलॉजी द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों यथा राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस, गणित दिवस, विज्ञान दिवस इत्यादि कार्यक्रमों का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। उन्होंने कहा कि शोध एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान किये जाने का प्रावधान किया गया है।
मंत्री ने बताया कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी पटना का निर्माण कार्य, तारामंडल पटना के आधुनिक प्रोजेक्शन सिस्टम के अधिष्ठापन का कार्य प्रगति पर है। तारामंडल सह विज्ञान संग्रहालय दरभंगा का संचालन प्रारंभ कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक जिलों में 38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज एवं प्रत्येक जिलों में कम से कम एक, कुल 46 सरकारी पोलटेक्निक इंस्टीट्यूट स्थापित एवं संचालित है, जिसमें निःशूल्क इंजीनियरिंग की पढ़ाई बिहार सरकार द्वारा कराया जाता है।
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