जलाकर मार डाली गयी अनिशा को कब मिलेगा इंसाफ?

सामने आया बोकारो पुलिस का दोहरा चरित्र घटना के 15 दिन बाद भी 302 का मामला दर्ज नहीं

‌एस. पी. सक्सेना/बोकारो। जलाकर बेरहमी से मार डाली गयी बोकारो की अनिशा को कब मिलेगा? घटना के 15 दिन बाद भी आरोपियों के खिलाफ 302 का मुकदमा दर्ज नहीं करना बोकारो पुलिस के दोहरे चरित्र को दर्शाता है। इसे लेकर सामाजिक कार्यकर्त्ता इमाम सफी ने पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने की मुहिम शुरु की है।

बताया जाता है कि बोकारो की ‌अनिशा परवीन को 18 अक्टूबर को ज़िंदा जलाकर मार डाला गया। पीड़ित परिवार को आज तक इंसाफ नहीं मिला है। वे इंसाफ के लिए दर-दर भटक रहे हैं। प्रशासन से लेकर सरकार तक इस गंभीर मामला को अनदेखी कर रही है। सबसे आश्चर्य की बात है कि अनीशा की मरे हुए 15 दिन हो चुका हैं लेकिन पुलिस द्वारा धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।

‌प्रशासन व सरकार की लापरवाही का इस बात से अनुमान लगाया जा सकता है कि अनिशा परवीन द्वारा मृत्यु पूर्व 11 अगस्त को बोकारो के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर अवगत करायी थी कि उसके जान-माल पर खतरा है। साथ ही घटना के तीन दिन पहले 15 अक्टूबर को स्थानीय मराफारी थाना में आवेदन देकर अपनी सुरक्षा की अनुरोध की थी।

सबसे आश्चर्य की बात है कि पीड़िता ने आगजनी की घटना के बाद पुलिस को अपना लिखित व मौखिक ब्यान भी दिया है और आग लगाने वाले दोषियों के बारे में जानकारी दी है। फिर भी प्रशासन सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पायी। न ही सरकार की तरफ से पीड़ित परिवार को कोई मुआवजा मिला है।

बताया जाता है कि पीड़िता की परिवार की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय है। पति की रो-रोकर बुरा हाल है। मृतका के दो छोटे-छोटे बच्चों की पढ़ाई और भविष्य अंधकारमय हो गया है। स्थानीय रहिवासियों का समर्थन है लेकिन भय का माहौल भी देखा जा रहा है, इसलिए खुलकर कोई सामने आने से डर रहे हैं। वर्तमान झारखंड की हेमंत सोरेन की सरकार में क्या इंसाफ मिलना असम्भव है? ‌

उक्त घटना से आहत भाषा- ‌खतियान आन्दोलनकारी इमाम सफी मृतका के परिजन को इंसाफ दिलाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा है अनिशा को इंसाफ दिलाने के लिए स्थानीय रहिवासियों से मिलकर वे अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन चलाएंगे। इसके लिए वे स्थिति की बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने बोकारो पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि इस घटना में पुलिस की दोहरी चरित्र उजागर हुआ है।

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