एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। बिहार की राजधानी पटना के कालिदास रंगालय में 16 मार्च की संध्या तानेश्वर आजाद जन सम्मान समिति द्वारा नाटक आत्महत्या का मंचन किया गया। यह नाटक येर्रम शट्टि साई लिखित एवं रवि भूषण ‘बबलू’ निर्देशित है। नाटक का हिन्दी अनुवाद हेम नारायण पात्रो द्वारा किया गया है। उक्त जानकारी कलाकार साझा संघ के सचिव मनीष महीवाल ने दी।
महीवाल ने बताया कि प्रस्तुत नाटक आत्महत्या वर्तमान में भारतीय समाज मद युवा वर्ग द्वारा बढ़ रहे प्रवृत्ति और टूटते बिखरते परिवार की संवेदना को दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि उक्त नाटक एक तेलगु नाटक का हिन्दी अनुवाद है।
इस नाटक में आज के इस भौतिक परिवेश में मनुष्य सबकुछ होते हुए भी कितना अकेलापन महसुस करता है। यहाँ तक कि अपने जीवन लीला को भी समाप्त यानि आत्महत्या करना चाहता है।
महीवाल के अनुसार प्रस्तुत नाटक का नायक चिरंजीवि भी ऐसा ही अकेलापन महसुस करते हुए आत्महत्या करना चाहता है। इसके लिए वह एक पुल पर पहुंचता है। आत्महत्या करने के दौरान उसे बहुत से पात्र मिलते है। जिन्हें बहुत सारी समस्यायें है।
फिर भी वे जीना चाहते है। उनसे मिलने के बाद चिरंजीवि भी सोचता है कि जब आमजन जीवन में इतनी समस्यायें के साथ भी जीना चाहते है तो मैं क्यूँ नही? ये सोचकर वो अपना फैसला बदल कर जीना चाहता है और जीवन को एक नई जिंदगी देने के लिए चला जाता है।
उन्होंने बताया कि उक्त नाटक में मंच पर चिरंजीव की भूमिका में विक्रांत कुमार, पहला व्यक्ति की भूमिका में कुमुद रंजन लेखू, दूसरा व्यक्ति की भूमिका में मोहम्मद सदरुद्दीन, पत्रकार की भूमिका अभिषेक कुमार, पुलिस की भूमिका अक्षय कुमार, भोला शंकर की भूमिका मिथिलेश सुमन ने निभाया है। जबकि फोटोग्राफर रामेश्वर कुमार, सुशीला तनु शर्मा बनी है।
वहीं मंच से परे प्रकाश संरचना राहूल कुमार रवि, कला एवं रूप सज्जा उदय कुमार शंकर, प्रोपटी प्रभारी आयूष कुमार आजाद, राणा सिंह, वस्त्र विन्यास शकुन्तला कुमारी, विजय, वेष-भूषा सविता देवी, उदय कुमार, सुनिल शर्मा, श्याम बिहारी, मंच निमार्ण रमेश सिंह, आदि।
प्रेक्षागृह प्रभारी कला पक्ष अभिनित, तकनीकी सहायक किशोर आनंद, ध्रुव देवेश, कौशल, विवेक कुमार, स्टील फोटोग्राफी राजू कुमार, प्रस्तुति नियंत्रक कृष्ण मुरारी, उद्घोषक मिथिलेश सिंह, मंच संयोजक नागेन्द्र कुमार विकल, संयोजक मिथिलेश सुमन हैं।
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